
सरकार LIC और 5 बैंकों में बेचेगी हिस्सेदारी, जानिए क्या है कारण
क्या है खबर?
केंद्र सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और सार्वजनिक क्षेत्र के 5 बैंकों में अपनी हिस्सेदारी कम करने की योजना बना रही है। दरअसल, इन संस्थानों में सरकार की मौजूदा हिस्सेदारी भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की तय सीमा से अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे सरकार के बहुलांश स्वामित्व और प्रबंधन नियंत्रण पर कोई असर नहीं पड़ेगा। साथ ही मर्चेंट बैंकरों के साथ 3 साल की अवधि के लिए अनुबंधों पर विचार कर रही है।
कारण
इस कारण बेचेगी हिस्सेदारी
मिंट की रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक बैंकों की बिक्री 2026 के बाद हो सकती है और 2027 तक LIC के लिए SEBI के मानदंडों को पूरा करने की उम्मीद है। सरकार अनुकूल बाजार परिस्थितियों का लाभ उठाकर अपने लिए धन जुटाने की कोशिश कर रही है। जुलाई की शुरुआत में सरकार ने विनिवेश लक्ष्यों को प्राप्त करने और संभावनाओं को उजागर करने के लिए LIC में ऑफर फॉर सेल को मंजूरी दे दी।
फायदा
सरकार को इससे क्या होगा फायदा?
केंद्र सरकार के पास LIC में 96.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि बाकी सार्वजनिक शेयरधारकों के पास है। सूत्र ने बताया कि कंपनी का बाजार पूंजीकरण 5.72 लाख करोड़ रुपये है और 1 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री से सरकार को 5,700 करोड़ रुपये तक का लाभ हो सकता है। SEBI नियमों के तहत प्रमोटर किसी सूचीबद्ध संस्था में 75 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं रख सकते, लेकिन सरकार के पास LIC और कई बैंकों में इस सीमा से ज्यादा हिस्सेदारी है।