
स्पेस स्टेशन पर रोजाना किन जरुरी स्वास्थ्य जांचों से गुजरते हैं अंतरिक्ष यात्री?
क्या है खबर?
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
वहां गुरुत्वाकर्षण नहीं होता, जिससे शरीर पर असर पड़ता है। ऐसे माहौल में शरीर को स्वस्थ रखना बेहद जरूरी हो जाता है। इसी वजह से वैज्ञानिक अंतरिक्ष यात्रियों की रोजाना सेहत की जांच करते हैं, ताकि कोई दिक्कत समय पर पकड़ी जा सके।
आइए जानते हैं उन्हें रोजाना किन स्वास्थ्य जांचों से गुजरना पड़ता है और कैसे उनकी सेहत पर नजर रखी जाती है।
धड़कन
हर दिन जांची जाती है दिल की धड़कन और सांस की क्षमता
अंतरिक्ष में दिल और फेफड़ों की सेहत पर असर पड़ता है, इसलिए अंतरिक्ष यात्री रोजाना अपनी हृदय गति और ब्लड प्रेशर की जांच कराते हैं।
इससे यह पता चलता है कि उनका दिल सामान्य तरीके से काम कर रहा है या नहीं। सांस लेने की क्षमता की भी रोज जांच होती है, ताकि ऑक्सीजन का स्तर सही बना रहे।
आंखों की रोशनी और दबाव भी नियमित रूप से जांचा जाता है, क्योंकि अंतरिक्ष में दृष्टि पर भी असर पड़ता है।
मांसपेशियों
मांसपेशियों और हड्डियों की ताकत की भी होती है जांच
अंतरिक्ष में शरीर को भार नहीं सहना पड़ता, जिससे मांसपेशियां और हड्डियां धीरे-धीरे कमजोर हो सकती हैं। इसलिए अंतरिक्ष यात्री रोज एक्सरसाइज करते हैं और मांसपेशियों की ताकत जांची जाती है।
इसके साथ ही, हड्डियों की मजबूती और उनके घनत्व की निगरानी भी जरूरी होती है। इसके लिए खास उपकरणों से परीक्षण किए जाते हैं।
इन जांचों की मदद से यह तय किया जाता है कि यात्री लंबे समय तक स्वस्थ रह सकें और वापसी पर कमजोरी न महसूस करें।
मानसिक स्थिति
मानसिक स्थिति और नींद पर भी रहती है नजर
अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहना मानसिक रूप से थकाने वाला होता है।
वहां की सीमित जगह, एक जैसे दिन और परिवार से दूरी मानसिक दबाव पैदा कर सकती है, ऐसे में हर दिन यात्रियों की मानसिक स्थिति की जांच होती है।
उनके मूड, सोचने की क्षमता और नींद की गुणवत्ता पर नजर रखी जाती है। जरूरत पड़ने पर मनोवैज्ञानिक बातचीत भी होती है, ताकि तनाव कम किया जा सके।
इसका मकसद है कि यात्री मानसिक रूप से मजबूत रहें।