
चंद्रमा पर कौन-कौन सी प्राकृतिक गतिविधियों का चला है पता?
क्या है खबर?
चंद्रमा को अक्सर शांत और निष्क्रिय ग्रह जैसा माना जाता है, लेकिन असल में वहां भी कई तरह की प्राकृतिक गतिविधियां होती रही हैं।
भले ही वहां आज ज्वालामुखी या मौसम जैसी हलचल न हो, फिर भी वैज्ञानिकों को कई ऐसे संकेत मिले हैं, जो बताते हैं कि कभी वहां अंदरूनी गतिविधियां होती थीं।
वैज्ञानिक आज भी इन बदलावों को सैटेलाइट्स और लैंडर्स की मदद से समझने की कोशिश कर रहे हैं।
ज्वालामुखी
ज्वालामुखी गतिविधियों के मिले सबूत
चंद्रमा पर पुराने ज्वालामुखी के निशान मिले हैं, जो बताते हैं कि अरबों साल पहले वहां लावा बहा करता था, जिससे वहां के मैदान बने, जिन्हें 'मून मारे' कहते हैं।
खास बात यह है कि कुछ हालिया अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि कुछ ज्वालामुखी गतिविधियां पहले की अपेक्षा नई हैं, यानी ये 10 करोड़ साल पहले तक भी हो सकती हैं।
इसका मतलब है कि चंद्रमा पूरी तरह से निष्क्रिय नहीं था।
मूनक्वेक
चंद्रमा की सतह पर आते हैं 'मूनक्वेक'
जैसे धरती पर भूकंप आते हैं, वैसे ही चंद्रमा पर 'मूनक्वेक' आते हैं।
नासा के अपोलो मिशनों के दौरान लगाए गए सिस्मोमीटर ने यह रिकॉर्ड किया कि चंद्रमा की सतह में कंपन होते हैं। ये मूनक्वेक कमजोर से लेकर मध्यम स्तर के हो सकते हैं।
इनमें से कुछ कंपन चंद्रमा के अंदरूनी हिस्सों में हो रही धीमी गतिविधियों की वजह से होते हैं, जबकि कुछ उल्का पिंडों की टक्कर से भी हो सकते हैं।
उल्का पिंड
चंद्रमा पर गिरते हैं उल्का पिंड
चंद्रमा का वातावरण न के बराबर है, जिससे वहां उल्का पिंड सीधे सतह से टकराते हैं।
हर साल हजारों छोटी-बड़ी चट्टानें चंद्रमा से टकराती हैं और नए गड्ढे बनाती हैं। इन टक्करों की वजह से चंद्र सतह की बनावट में लगातार बदलाव आता रहता है।
ये घटनाएं आज भी चल रही हैं और इन्हें ऑर्बिट में मौजूद यानों से देखा जाता है। इससे वैज्ञानिक चंद्रमा की वर्तमान स्थिति का अध्ययन कर पाते हैं।
मौसम
चंद्रमा पर नहीं होते मौसम जैसे बदलाव
धरती की तरह चंद्रमा पर मौसम नहीं होता, क्योंकि वहां हवा, पानी और बादल जैसी चीजें नहीं हैं। वहां न बारिश होती, न तूफान, न बर्फबारी और न ही तापमान में बदलाव के चक्र हैं।
हालांकि, दिन और रात के बीच तापमान में जबरदस्त फर्क होता है। दिन में 127 डिग्री सेल्सियस और रात में -173 डिग्री तक गिर सकता है।
यह बदलाव वहां के वातावरण के न होने की वजह से होता है, जो चंद्रमा को अलग बनाता है।