NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / टेक्नोलॉजी की खबरें / आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के भविष्य के लिए क्या है अगली और बड़ी चुनौती?
    अगली खबर
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के भविष्य के लिए क्या है अगली और बड़ी चुनौती?
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में सोशल इंटेलिजेंस की कमी है

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के भविष्य के लिए क्या है अगली और बड़ी चुनौती?

    लेखन रजनीश
    Mar 20, 2023
    05:41 pm

    क्या है खबर?

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अपनी शुरुआत से लेकर अब तक काफी एडवांस होता गया है।

    AI की एक कैटेगरी जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GAI) तो इस समय काफी चर्चा में है। यह टेक्स्ट और इमेज इनपुट की क्षमता के साथ जनरेटिव AI इमेज, कंटेंट, ऑडियो तैयार करने सहित कई काम करता है, लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अभी भी कुछ कमी महसूस की जा रही है।

    इसकी सबसे बड़ी कमी इसमें सोशल स्किल्स यानी आर्टिफिशियल सोशल इंटेलिजेंस (ASI) की कमी है।

    इंटेलिजेंस

    AI के लिए ASI है अगला बड़ा फ्रंटियर- लिफेंग फैन

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में समझ की कमी है। उदाहरण के लिए सिरी और गूगल असिस्टेंट रिक्वेस्ट पर मीटिंग शेड्यूल कर सकते हैं, लेकिन अपॉइटमेंट को प्राथमिकता देने की सामाजिक समझ उसमें नहीं है।

    चीन में स्थित शोधकर्ताओं के अनुसार, AI स्मार्ट है, लेकिन सामाजिक समझ की कमी के कारण इसका दायरा अभी सीमित है।

    बीजिंग इस्टीट्यूट फॉर जनरल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (BIGAI) से जुड़े लिफेंग फैन ने कहा, "हमारा तर्क है कि आर्टिफिशियल सोशल इंटेलिजेंस (ASI) अगला बड़ा मोर्चा है।"

    शोधकर्ता

    आर्टिफिशियल सोशल इंटेलिजेंस में खुद के नजरिये की कमी

    CAAI आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च में प्रकाशित एक पेपर में टीम ने बताया कि ASI में सामाजिक धारणा, थ्योरी ऑफ माइंड और खुद के नजरिये सहित कई अलग-अलग सबफील्ड शामिल हैं।

    शोधकर्ता लिफेंग ने कहा कि वर्तमान मुद्दों और फ्यूचर डायरेक्शन के साथ ही AI सिस्टम और ह्यूमन सोशल इंटेलिजेंस के बीच अंतर पता करने के लिए कॉग्निटिव साइंस और कंप्यूटेशनल मॉडलिंग का उपयोग करके बेहतर ढंग से आगे बढ़ा जा सकता है।

    एल्गोरिदम

    ASI को चीजें समझने के लिए होती है संदर्भ की जरूरत

    लिफेंग ने कहा, "काम को लेकर हमारी भौतिक समझ की तुलना में ASI विशिष्ट और चुनौतीपूर्ण है। ASI को चीजें समझने के लिए काफी संदर्भ की जरूरत होती है।ASI के लिए संदर्भ कल्चर और कॉमन सेंस जितना बड़ा हो सकता है या फिर दो दोस्तों के एक्सपीरियंस शेयर करने जितना छोटा भी हो सकता है। यही चुनौती स्टैंडर्ड एल्गोरिदम को असल दुनिया में ASI की समस्याओं से निपटने से रोकती है। ये जटिल, अस्पष्ट, डायनमिक मल्टी-एजेंट होते हैं।"

    क्षमता

    ASI में मानसिक स्थितियों को समझने की खुद की क्षमता नहीं

    लिफेंग के मुताबिक, ASI में मानसिक स्थिति जैसे विश्वास और इरादे को समझने, किसी कार्य में सहयोग करने जैसे फैसले करने के साथ ही इंसानी संकेतों, जैसे आंख घुमाने और घूरने आदि को समझने की क्षमता नहीं है। ASI को ये सब बताने के लिए समझाने की जरूरत होती है।

    उन्होंने कहा कि ASI के लिए ओपन-एंडेड और इंट्रेक्टिव माहौल की जरूरत है। ASI मॉडल में बेहतर मानवीय पूर्वाग्रहों को कैसे पेश किया जाए, इस पर भी विचार होना चाहिए।

    मदद

    इस तरह से आएगी ASI की प्रगति में तेजी

    लिफेंग ने कहा, "ASI के फ्यूचर प्रोग्रेस के लिए हम एक हॉलिस्टिक अप्रोच अपनाने की सलाह देते हैं, जैसे मनुष्य सीखने के कई तरीके मल्टी-टास्क लर्निंग, मेटा लर्निंग आदि का उपयोग करते हैं। हमें ASI की नई समस्याओं को परिभाषित करने, नया माहौल और डाटासेट बनाने और नए कंप्यूटेशनल मॉडल बनाने की जरूरत है। इसका अंतिम उद्देश्य AI को हाई-लेवल ASI से लैस करना और इसके जरिए इंसानों की मदद करना है।"

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    गूगल असिस्टेंट
    मशीन लर्निंग

    ताज़ा खबरें

    इंटर मिलान को हराकर पहली बार चैंपियन्स लीग विजेता बनी पेरिस सेंट-जर्मेन, बनाए ये रिकॉर्ड्स  चैंपियन्स लीग
    इजरायल के साथ युद्धविराम पर सहमत हुआ हमास, बंधकों की रिहाई के बदले रखीं ये शर्तें इजरायल
    मिस वर्ल्ड 2025: टूट गया भारत की जीत का सपना, थाईलैंड की सुचाता चुआंग्सरी बनीं विजेता मिस वर्ल्ड
    राजपाल यादव बाेले- बॉलीवुड में अगर नपोटिज्म होता तो मेरे 200 रिश्तेदार यहीं होते राजपाल यादव

    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

    ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन कौन हैं? सैम ऑल्टमैन
    ChatGPT कर सकता है भयानक गलती- ऐपल के को-फाउंडर स्टीव वोज्नियाक  ChatGPT
    बिंग चैटबॉट ने किया अपने असली नाम का खुलासा, 'इंसान' बनने की भी इच्छा जताई माइक्रोसॉफ्ट
    बार्ड के साथ रोज समय बिताएं, सुंदर पिचई ने गूगल कर्मचारियों से क्यों कही ये बात? गूगल

    गूगल असिस्टेंट

    अलेक्सा को हर मिनट 'आई लव यू' बोलते हैं भारतीय यूजर्स, देते हैं शादी के प्रस्ताव टेक्नोलॉजी
    अब कोरोना वायरस टेस्टिंग सेंटर ढूंढने में नहीं होगी परेशानी, गूगल मैप्स से चलेगा पता गूगल मैप
    गूगल को टक्कर देने के लिए अपना सर्च इंजन लॉन्च कर सकती है ऐपल इंग्लैंड
    अलेक्सा और गूगल असिस्टेंट जैसा चैटबॉट बनाना चाहती है भारत सरकार टेक्नोलॉजी

    मशीन लर्निंग

    ऐपल ने काम करने के लिए ऑफिस वापस बुलाया तो ML एक्सपर्ट ने छोड़ दी नौकरी ऐपल
    13 वर्ष के लड़के ने बनाया इमोशनल रोबोट, दुखी होने पर समझ सकेगा आपकी भावनाएं तमिलनाडु
    इंसानों से बेहतर सूंघने की क्षमता वाला रोबोट तैयार रोबोट
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025