USB केबल निकालते ही डिलीट हो जाएगा सारा डाटा, प्राइवेसी के लिए कमाल का डिवाइस

डाटा सुरक्षा और प्राइवेसी दोनों का महत्व हाल के दिनों में कई गुना बढ़ गया है और इनसे जुड़े सॉफ्टवेयर के अलावा हार्डवेयर भी मार्केट में आ गए हैं। एक ऐसा USB केबल तैयार किया गया है, जिसे पोर्ट से निकालते ही डिवाइस किल हो जाएगा और उसमें सेव सारा डाटा डिलीट हो जाएगा। बसकिल (BusKill) नाम की कंपनी ने इसे तैयार किया है और इसका मकसद डिवाइस चोरी होने की स्थिति में डाटा सुरक्षा और प्राइवेसी देना होता है।
प्रोडक्ट से जुड़ा आइडिया आसान है और लैपटॉप या दूसरा डिवाइस चोरी करने वाले इसमें लगे केबल्स जरूर डिस्कनेक्ट करेंगे। एक बार यह केबल डिवाइस से निकल जाए तो उसे ऑन नहीं किया जा सकेगा और डाटा डिलीट हो जाएगा। केबल से जुड़ा सिक्योरिटी प्रोग्राम सारे डाटा को क्रिप्टोजेनिक कर देता है, जिससे चोर या दूसरे मालिशियस सोर्स इसे ऐक्सेस नहीं कर सकते। सेल्फ डिस्ट्रक्ट केबल लाइनक्स, विंडोज और मैकOS सभी के साथ काम करता है।
बसकिल तैयार करने वाले माइकल आल्टफील्ड ने डाटा सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया है। उन्होंने कहा, "ज्यादातर यूजर्स के पास टॉप-सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स नहीं होते, जिनके बारे में उन्हें चिंता करनी पड़े या जिनके लिए पुलिस उनके दरवाजे पर दस्तक दे लेकिन डाटा चोरी से जुड़ा जो खतरा मौजूद है, मैंने उसके लिए बसकिल डिजाइन किया है।" माइकल ने कहा कि केबल महत्वपूर्ण डाटा के साथ काम कारने वाले रिसर्चर्स, पत्रकारों और ऐक्टिविस्ट्स की मदद कर सकती है।
खास बात यह है कि बसकिल इस्तेमाल करने के लिए किसी तरह की तकनीकी जानकारी की जरूरत नहीं है। जो यूजर्स लाइनक्स इस्तेमाल नहीं करते और कमांड लाइन इंटरफेस (CLI) में बदलाव करना नहीं जानते, वे भी आसानी से इसकी मदद ले सकते हैं। मैकOS और विंडोज पर केबल डिस्कनेक्ट होने से डिवाइस लॉक हो जाता है। वहीं, लाइनक्स यूजर्स बाद में भी अपने क्रिप्टोजेनिक डाटा को ऐक्सेस कर सकते हैं।
खास प्रोडक्ट बसकिल के लिए अभी क्राउडसोर्सिंग रूट की मदद ली जा रही है और कंपनी आने वाले दिनों में अपना पोर्टफोलियो बढ़ाना चाहती है। प्रोजेक्ट में ऐसे कई ट्रिगर्स रिलीज करने की योजना है, जिन्हें निकालने या छेड़ने पर कंप्यूटर शट-डाउन हो जाए। अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं, जो गोपनीय डाटा संभालकर रखते हैं और इससे जुड़े रिस्क को समझते हैं तो 59 डॉलर में बसकिल केबल खरीद सकते हैं।
तेजी से बदलती टेक्नोलॉजी के साथ डाटा स्टोर करने का तरीका भी बदला है और उसे हैकिंग जैसे तरीकों से चुराया भी जा सकता है। पहले जहां डाटा कागजों तक सीमित था, अब वह डिजिटल फॉरमेट में है और उसकी कॉपीज आसानी से तैयार की जा सकती हैं। यही वजह है कि डाटा सुरक्षा का तरीका बदलना भी जरूरी है। पेगासस जैसे लीक्स ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया है और नए डिवाइसेज की मदद ली जा रही है।