सुरक्षा खामी के कारण जियो के इस प्लेटफॉर्म से लीक हुआ यूजर डाटा
देश में कोरोना वायरस के शुरुआती मामले सामने आने के बाद कई प्राइवेट कंपनियों ने COVID-19 सेल्फ-टेस्ट सिंपटम चेकर लॉन्च किए थे। रिलायंस जियो भी इनमें से एक थी। भारत की सबसे बड़ी मोबाइल नेटवर्क कंपनी जियो ने मार्च में सिंपटम चेकर लॉन्च किया था। इसके जरिये कोई भी यूजर जियो की वेबसाइट पर जाकर खुद में महामारी के लक्षणों के बारे में जानकारी पा सकता था। अब पता चला है कि यह डाटा इंटरनेट पर लीक हुआ है।
जानकारी मिलने पर जियो ने ऑफलाइन किया सिस्टम
टेकक्रंच के मुताबिक, सिक्योरिटी रिसर्चर अनुराग सेन ने 1 मई को लीक हुए इस डाटा का पता लगाया। जब कंपनी को इसकी जानकारी मिली तो जियो ने सिस्टम को ऑफलाइन कर दिया। यह जानकारी नहीं मिली है यह डाटा कितने लोगों के पास पहुंचा है।
लीक हुए डाटाबेस में 17 अप्रैल के बाद के रिकॉर्ड्स
रिपोर्ट के मुताबिक, बिना पासवर्ड इंटरनेट पर शेयर हुए इस डाटाबेस में 17 अप्रैल से लेकर सिस्टम के ऑफलाइन होने तक के समय के लाखों लॉग्स और रिकॉर्ड्स के साथ-साथ यूजर जनरेटेड सेल्फ-टेस्ट डाटा भी है। डाटाबेस में जियो की साइट पर किए गए हर यूजर के सेल्फ-टेस्ट के लॉग्स हैं, जिसमें इस बात की जानकारी है कि यूजर ने खुद का टेस्ट किया है या किसी रिश्तेदार का। इसके अलावा उनकी उम्र और जेंडर की भी जानकारी है।
डाटाबेस में यूजर एजेंट भी
इस डाटाबेस में सेल्फ-टेस्ट करने वाले व्यक्ति का यूजर एजेंट भी शामिल है। यूजर एजेंट में किसी यूजर के ब्राउजर वर्जन और ऑपरेटिंग सिस्टम की जानकारी होती है। यह वेबसाइट के लोड होने में काम आता है, लेकिन इससे यूजर की ऑनलाइन एक्टिविटी भी ट्रेस की जा सकती है। साथ ही इसमें वेबसाइट पर प्रोफाइल क्रिएट करने वाले यूजर के रिकॉर्ड भी शामिल हैं। इसमें यूजर के वो सारे जवाब शामिल है, जो उसने चेकर को बताए हैं।
कई यूजर्स की लोकेशन भी लीक
लीक हुए कुछ रिकॉर्ड्स में यूजर की सटीक लोकेशन की जानकारी भी दी गई है। यह उन यूजर्स के साथ हुआ है, जिन्होंने सिंपटम चेकर को फोन लोकेशन की एक्सेस दी थी। टेकक्रंच ने इसके जरिये यूजर के घर तक का पता लगा लिया था।
फेसबुक ने जियो में खरीदी हिस्सेदारी
जियो की सुरक्षा खामी के कारण डाटा इंटरनेट पर लीक होने की घटना ऐसे समय में हुई है जब हाल ही में फेसबुक ने कंपनी में 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीदी थी। इसके लिए फेसबुक ने जियो में 5.7 बिलियन डॉलर यानी 43,574 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इस डील के बाद जियो की एंटरप्राइज वैल्यू 4.62 लाख करोड़ हो गई थी। यह भारत के टेक्नोलॉजी सेक्टर में अब तक सबसे सबसे बड़ा विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) था।