फास्ट चार्जर के जरिये आपके डिवाइस में धमाका कर सकते हैं हैकर्स
लैपटॉप और स्मार्टफोन चार्ज करने के लिए आजकल लोग फास्ट चार्जर्स का सहारा लेने लगे हैं। यह 15-20 मिनट की चार्जिंग के बाद लैपटॉप और स्मार्टफोन को इतना चार्ज कर देते हैं कि कुछ देर तक इनसे काम लिया जा सकता है। यह भले ही सहूलियत दे रहा है, लेकिन एक रिपोर्ट में सामने आया है कि कुछ पावर बैंक आपके मोबाइल और लैपटॉप के साथ-साथ आपको भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
चार्जर में धमाका कर सकते हैं हैकर्स
हाल ही मे आई एक रिपोर्ट में टेन्सेंट के झुआनवु लैब के रिसर्चर ने चेतावनी दी है कि हैकर्स लैपटॉप और स्मार्टफोन को चार्ज करने वाले फास्ट चार्जर्स की कॉन्फिगरेशन में गड़बड़ी कर सकते हैं। इसकी वजह से इनमें धमाका हो सकता है। उन्होंने ऐसे हमलों को 'बैडपावर' नाम दिया है। ऐसे हमलों में हैकर्स चार्जर से जुड़े लैपटॉप या स्मार्टफोन आदि में मलेशियस कोड भेजकर उन्हें निशाना बना सकते हैं।
फास्ट चार्जर में होता है खास तरह का फर्मवेयर
फास्ट चार्जर दिखने में साधारण चार्जर जैसे दिखते हैं, लेकिन उनमें खास तरह का फर्मवेयर लगा होता है। इसकी मदद से ये कनेक्टेड डिवाइस की इनपुट कैपेसिटी के हिसाब से सही मात्रा में पावर सप्लाई करते हैं। उदाहरण के लिए ये चार्जर कनेक्टेड डिवाइस की कैपेसिटी के हिसाब से 12V, 20V या और भी ज्यादा पावर सप्लाई कर सकते हैं, लेकिन अगर इनसे कोई डिवाइस सही कनेक्ट नहीं होता है तो ये उसे 5V की पावर सप्लाई करते हैं।
ज्यादा पावर सप्लाई से डिवाइस के कंपोनेंट को होता है नुकसान
रिसर्चर ने बताया कि जब बैडपावर अटैक होता है तो निशाना बनाए गए फास्ट चार्जर की फर्मवेयर में दिक्कत आने लगती है और यह सही तरीके से काम करना बंद कर देता है। इस वजह से यह एक साथ ज्यादा मात्रा में डिवाइस को पावर सप्लाई कर देता है, जिस वजह से उसके कंपोनेट गर्म होकर पिघलने लगते हैं। कई मामलों में इससे धमाका भी हो सकता है। यह डिवाइस के साथ-साथ आपको भी नुकसान पहुंचा सकता है।
टेस्ट में 18 चार्जर निकले कमजोर
हैकर्स के अटैक को टेस्ट करने के लिए रिसर्च ने 35 फास्ट चार्जर के फर्मवेयर में गड़बड़ी करने की कोशिश की। इनमें से 18 चार्जर ऐसे निकले, जो आसानी से अटैक का शिकार बन सकते थे। हालांकि, इनसे होने वाला नुकसान हर डिवाइस के हिसाब से अलग-अलग रहा। रिसर्चर का दावा है कि ये 18 चार्जर आठ अलग-अलग कंपनियों के थे, जिन्हें इसकी जानकारी दे दी गई है ताकि वो इस पर काम कर सके।