डार्क वेब पर बिक रहे 2 करोड़ से ज्यादा फेसबुक यूजर्स के अकाउंट
अगर आप फेसबूक यूजर हैं तो यह खबर आपकी चिंता बढ़ा सकती है। दरअसल, डार्क वेब और हैकर फोरम पर लगभग 2.67 करोड़ फेसबुक प्रोफाइल बेचे जा रहे हैं। इन करोड़ों प्रोफाइल की कीमत लगभग 48,000 रुपये है। रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें प्रोफाइल के पासवर्ड नहीं हैं, लेकिन ईमेल एड्रेस, फोन नंबर, पर्सन जानकारी और दूसरी चीेजें डार्क वेब पर बेची जा रही है। बता दें कि पिछले कुछ समय से ऐसी घटनाओं में इजाफा देखा जा रहा है।
अधिकतर प्रोफाइल अमेरिकी यूजर्स के
रिपोर्ट के मुताबिक, सिक्योरिटी रिसर्चर बॉब डियाशेंको ने इस बात का पता लगाया है। डार्क वेब पर बिक रहे 2.67 करोड़ प्रोफाइल्स में से अधिकतर अमेरिका के हैं। जब इसकी जानकारी सामने आई तो यह डाटा वहां से हटा लिया गया। हालांकि, 4.2 करोड़ प्रोफाइल के साथ ऐसा ही एक डाटा डार्क वेब पर बिकने को आ गया। इसमें अज्ञात हैकर्स ने यूजर्स को वार्निंग मैसेज देते अपने सर्वर सिक्योर करने को कहा है।
लीक की जांच करने के लिए साइबल ने खरीदा डाटा
नए डाटाबेस में भी फेसबूक यूजर्स के इमेल एड्रेस, जेंडर और बर्थडेट जैसी जानकारियां हैं। ऐसा माना जा रहा है कि किसी आपराधिक संगठन ने फेसबुक की API हटने से पहले यह सारा डाटा चुराया है। साइबर सिक्योरिटी कंपनी साइबल ने यह पता लगाया था कि फेसबुक से चुराया डाटा डार्क वेब पर बेचा जा रहा है। उसके बाद साइबल ने यह जानने के लिए कि फेसबुक से डाटा लीक कैसे हुआ, इसे डार्क वेब से खरीद लिया।
फिशिंग और स्कैमिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है चुराया गया डाटा
कंपनी ने अनुमान लगाया कि थर्ड-पार्टी फेसबुक API का इस्तेमाल कर यह डाटा चुराया गया है। हालांकि, इस डाटा में पासवर्ड शामिल नहीं थे, लेकिन ईमेल एड्रेस को फिशिंग और स्कैमिंग के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
डार्क वेब पर बिक रहे थे जूम के लाखों एक्टिव अकाउंट
फेसबुक की तरह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप जूम के भी लाखों अकाउंट बेचे जा रहे थे। इस महीने की शुरुआत से एक हैकर फोरम पर जूम के लगभग 5.30 लाख अकाउंट बेचे जा रहे हैं। इस डाटा में जूम अकाउंट के ईमेल, इससे जुड़े पासवर्ड, पर्सनल मीटिंग URLs और जूम होस्ट की भी उपलब्ध है। कॉल ज्वॉइन करने के लिए होस्ट की की जरूरत होती है। इनमें से कुछ अकाउंट फ्री तो कुछ बेहद सस्ते दामों में बिक रहे हैं।
सरकार ने जूम के इस्तेमाल को लेकर जारी की गाइडलाइंस
सिक्योरिटी रिसर्चर ने पता लगाया कि हैकर फोरम पर बिक रहे ये सभी अकाउंट एक्टिव हैं। इसके कुछ दिन बाद ही सरकार ने जूम की सुरक्षा खामियों को लेकर लोगों को चेताया था। सरकार ने कहा था कि जूम सुरक्षित प्लेटफॉर्म नहीं हैं।
क्या होती है डार्क वेब?
डार्क वेब इंटरनेट का वो हिस्सा है, जो सर्च इंजन पर इंडेक्स नहीं है यानी साधारण यूजर इसे एक्सेस नहीं कर पाएगा। इसे एक्सेस करने के लिए अलग ब्राउजर की जरूरत होती है। यहां पर क्रेडिट कार्ड नंबर, सभी प्रकार की ड्रग्स, नकली पैसे, चुराए गए डाटा, हैक किए सोशल मीडिया अकाउंट आदि आसानी से उपलब्ध होते हैं। हालांकि, यहां मौजूद जानकारियों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। डार्क वेब पर लेनदेन के लिए अधिकतर क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल होता है।