
धरती पर नहीं, बल्कि मंगल पर है ब्रह्मांड का सबसे बड़ा ज्वालामुखी; जानिए कितना है विशाल
क्या है खबर?
पृथ्वी पर कई सक्रिय ज्वालामुखी मौजूद हैं, लेकिन, इन सभी की ऊंचाई और आकार मंगल ग्रह पर मौजूद एक ज्वालामुखी से बहुत ही कम है।
मंगल ग्रह पर स्थित 'ओलंपस मॉन्स' नामक ज्वालामुखी को सौरमंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी माना जाता है। इसे कोलंबस मॉन्स के नाम से भी जाना जाता है।
इसकी खोज 1971 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के 'मरिनेर 9' मिशन के दौरान हुई थी, जब पहली बार मंगल की कक्षा से इसकी तस्वीरें ली गईं।
आकार
कितना बड़ा है ओलंपस मॉन्स?
ओलंपस मॉन्स ज्वालामुखी की ऊंचाई लगभग 22 किलोमीटर है, जो कि पृथ्वी पर मौजूद माउंट एवरेस्ट से लगभग ढाई गुना ज्यादा है।
इसकी चौड़ाई करीब 600 किलोमीटर तक फैली हुई है, जो एक बड़े देश के बराबर मानी जा सकती है। इसका आधार इतना चौड़ा है कि इसे मंगल की सतह पर आसानी से देखा जा सकता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, यह एक ढाल-ज्वालामुखी है, जिसका लावा धीरे-धीरे फैलता है।
विशेषता
क्यों खास है यह ज्वालामुखी?
ओलंपस मॉन्स सिर्फ अपने आकार के कारण ही खास नहीं है, बल्कि इसके सक्रिय होने के संकेत भी वैज्ञानिकों को मिलते रहे हैं।
हालांकि, यह लाखों सालों से शांत है, लेकिन इसकी सतह पर मौजूद लावा बहाव के चिन्ह बताते हैं कि यह एक समय में सक्रिय रहा होगा।
मंगल ग्रह का पतला वातावरण और भूगर्भीय गतिविधियों की धीमी गति भी इसे इतना बड़ा बनने में मददगार रहे। इसलिए यह आज भी शोध का बड़ा विषय है।