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अंतरिक्ष से पृथ्वी पर वापसी के बाद सुनीता विलियम्स को किन स्वास्थ्य समस्याओं का है खतरा?
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने 9 महीने में कई परीक्षण किए (तस्वीर: नासा)

अंतरिक्ष से पृथ्वी पर वापसी के बाद सुनीता विलियम्स को किन स्वास्थ्य समस्याओं का है खतरा?

Mar 19, 2025
03:47 am

क्या है खबर?

नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 9 महीने तक अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर रहने के बाद आखिरकार पृथ्वी पर वापस आ गई हैं। ड्रैगन अंतरिक्ष यान की मदद से वह अपने 3 अन्य साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पृथ्वी पर वापस आई। उनकी वापसी के बाद डॉक्टर उनकी सेहत की जांच करेंगे। आइए जानते हैं अंतरिक्ष में लंबा समय बिताने के बाद पृथ्वी पर वापसी से उनके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।

हड्डियों पर असर

हड्डियों और मांसपेशियों की कमजोरी

गुरुत्वाकर्षण के बिना शरीर को ताकत लगाने की जरूरत नहीं होती, जिससे मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और हड्डियां घनत्व खो सकती हैं। नतीजतन, विलियम्स को शुरू में चलने और भारी चीजें उठाने में परेशानी हो सकती है। अंतरिक्ष में हर महीने हड्डियों का घनत्व 1 प्रतिशत तक कम हो सकता है, जिससे वे कमजोर हो जाती हैं। डॉक्टर और फिजियोथेरेपिस्ट उनकी हड्डियों और मांसपेशियों को फिर से मजबूत बनाने के लिए विशेष व्यायाम करवाएंगे।

 रक्त संचार 

संतुलन और रक्त संचार की समस्या 

अंतरिक्ष में शरीर का तरल पदार्थ सिर की ओर बढ़ जाता है, जिससे संतुलन और रक्त संचार पर असर पड़ता है। पृथ्वी पर लौटने के बाद, विलियम्स को चक्कर आने, ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव और खड़े होने में परेशानी हो सकती है। गुरुत्वाकर्षण के बिना, हृदय को ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं होती, जिससे यह थोड़ा कमजोर हो सकता है। वापसी के बाद, धीरे-धीरे सामान्य गतिविधियां शुरू करने और विशेष व्यायाम करने से ये समस्याएं ठीक हो सकती हैं।

 आंखों पर असर

नजर और विकिरण का असर

अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने से आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है, क्योंकि सिर में दबाव बढ़ जाता है, जिससे ऑप्टिक नर्व पर असर पड़ता है। कुछ अंतरिक्ष यात्रियों को धुंधला दिखने लगता है, जिससे वे पढ़ने-लिखने में दिक्कत महसूस कर सकते हैं। इसके अलावा, अंतरिक्ष में विकिरण का अधिक असर होता है, जिससे कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। विलियम्स की आंखों और पूरे शरीर की जांच की जाएगी, ताकि समय पर इलाज हो सके।