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अचानक 'धड़ाम' हो गई करोड़ों रुपये कीमत की टेरा लूना क्रिप्टोकरेंसी, जानें बड़ी बातें
पिछले सप्ताह टेरा लूना क्रिप्टोकरेंसी अचानक क्रैश हो गई।

अचानक 'धड़ाम' हो गई करोड़ों रुपये कीमत की टेरा लूना क्रिप्टोकरेंसी, जानें बड़ी बातें

May 16, 2022
11:02 pm

क्या है खबर?

पिछले कुछ दिन में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में बड़ी हलचल देखने को मिली है और करोड़ों रुपये वैल्यू वाले क्रिप्टो टोकन सिस्टम से गायब हो गए हैं। टेराUSD नाम का स्टेबलकॉइन और इसकी सिस्टम करेंसी लूना दोनों की वैल्यू लगभग 80 प्रतिशत कम हो गई। क्रिप्टोकरेंसी के तौर पर टेरा लूना अब लगभग बेकार हो चुके हैं और क्रिप्टो में निवेश करने वाले भी हैरान हैं। आइए इस पूरे मामले के बारे में कुछ बड़ी बातें जानते हैं।

स्टेबलकॉइन

क्या है स्टेबलकॉइन का मतलब?

स्टेबलकॉइन ऐसी क्रिप्टोकरेंसी को कहते हैं, जिन्हें अमेरिकी डॉलर या फिर यूरो जैसा माना जा सकता है। यानी कि इनकी कीमत में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं देखने को मिलते और इन्हें बिटकॉइन या ईथेरम जैसे टोकन्स के मुकाबले ज्यादा स्थिर माना जाता है। निवेशक ऐसे टोकन्स में तब निवेश करते हैं, जब वे कम रिस्क लेते हुए फायदा कमाना चाहते हैं। बता दें, टेथर और USD कॉइन ऐसे ही लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं।

टोकन

ऐसे डिजाइन किए गए हैं टेरा लूना

टेराUSD एल्गोरिद्म की मदद से डिजाइन किया गया स्टेबलकॉइन है, यह USD जितनी वैल्यू बनाए रखता है और ऐसा इसकी सिस्टम क्रिप्टोकरेंसी लूना के साथ होता है। लूना और टेरा दोनों को एक ही डिवेलपर्स टीम ने तैयार किया है। टेरा की कीमत बनाए रखने के लिए लूना को सप्लाई पूल में शामिल किया जाता है और टेरा को सप्लाई से हटाया जाता है। फिर यूजर्स लूना और टेरा का संतुलन इन्हें बेचने और खरीदने के साथ बनाए रखते हैं।

जानकारी

ऐसे काम करता है एल्गोरिद्मिक मॉड्यूल

ब्लॉकचेन डिवेलपर्स की ओर से डिजाइन किए गए मॉड्यूल के साथ, अगर टेरा कॉइन की वैल्यू 0.80 डॉलर पर पहुंचती है, तो इसे एक डॉलर वैल्यू वाले लूना से एक्सचेंज किया जा सकता है। इस तरह स्मार्ट निवेशक 20 सेंट का प्रॉफिट कमा सकते हैं।

संतुलन

डिमांड और सप्लाई पर आधारित कॉइन कॉन्सेप्ट

टेरा और लूना का पूरा कॉन्सेप्ट सप्लाई और डिमांड पर आधारित है। इन कॉइन्स में निवेश करने वालों को फायदा तभी मिलता, जब संतुलन के लिए इनकी खरीद और बिक्री चलती रहे। पिछले सप्ताह लूना और टेरा के बीच संतुलन बनाने से जुड़ी यह स्थिति नहीं बनी और एंकर प्रोटोकॉल के चलते यूजर्स ने टेराUSD होल्ड कर लिया। एंकर प्रोटोकॉल को सेविंग्स बैंक अकाउंट की तरह समझा जा सकता है, जिसपर तय ब्याज मिलता रहता है।

ब्याज

एंकर से मिल रहा था तय ब्याज

पिछले कुछ महीने से टेरा होल्डर्स को एंकर प्रोटोकॉल में अपना टोकन पार्क करने पर 20 प्रतिशत का तय ब्याज दिया जा रहा था। यही वजह है कि ज्यादा से ज्यादा यूजर्स ने अपने टोकन्स एंकर प्रोटोकॉल में शामिल कर दिए। कॉइनडेस्क के मुताबिक, कुल टेरा सर्कुलेशन का करीब 75 प्रतिशत एंकर में जमा कर दिया गया था। बता दें, यहीं से हालात और क्रिप्टोकरेंसी का संतुलन बिगड़ने की शुरुआत हुई।

अफवाह

अफवाह के चलते टोकन बेचने लगे टेरा यूजर्स

पिछले सप्ताह के आखिर में बड़ी मात्रा में टेराUSD को अचानक एंकर से निकाल लिया गया। दरअसल, अफवाह उड़ी कि टेरा पर मिलने वाला 20 प्रतिशत तय ब्याज अब फिक्स रेट पर नहीं मिलेगा। निवेशकों ने कमाई घटने और नुकसान होने के डर से टेरा टोकन्स को बेचना शुरू कर दिया और दूसरे स्टेबलकॉइन्स खरीदने लगे। जाहिर सी बात है, ऐसा होने पर एक टोकन की मांग तेजी से घटी और सप्लाई बढ़ने से कीमत गिरने लगी।

क्रैश

लूना की सप्लाई बढ़ने से क्रैश हुआ सिस्टम

ज्यादातर यूजर्स ने टेराUSD को एक्सचेंज कर लूना टोकन लेना शुरू कर दिए। इस तरह लूना की सप्लाई बढ़ने के साथ ही वैल्यू घटने लगी। ज्यादा से ज्यादा यूजर्स के टेरा कॉइन को डंप करने के चलते दोनों कॉइन्स से जुड़कर संतुलन बनाने वाला सिस्टम क्रैश हो गया। कॉइनमार्केटकैप के मुताबिक, टेरा कॉइन की कीमत 11 मई को घटकर केवल 0.225 डॉलर रह गई। महज चंद दिनों के अंदर इस स्टेबलकॉइन ने अपनी करीब 80 प्रतिशत वैल्यू गंवा दी।

मार्केट

पहले के मुकाबले स्थिर हो रहा है मार्केट

निवेशकों के अंदर डर पैदा होना क्रिप्टो मार्केट के लिए अच्छी बात नहीं है और इसे प्रभावित कर सकता है। टेरा के गिरने के साथ ही बाकि निवेशकों ने अपने कॉइन्स बेचना भी शुरू कर दिया जिससे पूरा क्रिप्टो मार्केट क्रैश हो गया। दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो बिटकॉइन भी बीते गुरुवार को 25,400 डॉलर तक जा पहुंचा। हालांकि, स्थिरता के संकेत मिल रहे हैं और बाकी टोकन्स में आए बदलाव को देखते हुए भी ऐसा ही लग रहा है।

ब्लॉकचेन हाल्ट

कुछ वक्त के लिए ब्लॉक जेनरेशन रुका

टेरा ब्लॉकचेन को टेरा की कीमतें तेजी से घटने की स्थिति के बाद नौ घंटे से ज्यादा के लिए हाल्ट कर दिया गया। यानी कि इस दौरान ब्लॉकचेन नेटवर्क पर कोई नए ब्लॉक्स नहीं जेनरेट किए गए। बता दें, हाल्ट के दौरान क्रिप्टो होल्डर्स उनके टेरा असेट्स मूव नहीं कर सकते और उन्हें ब्लॉकचेन के अनफ्रोजन होने का इंतजार करना पड़ेगा। कंपनी ने ट्वीट में बताया है कि टेरा वैलिडेटर्स ने इस चेन को हाल्ट करने का फैसला किया है।

बिटकॉइन रिजर्व

अरबों डॉलर वैल्यू के बिटकॉइन भी गायब

ब्लॉकचेन फर्म इलिप्टिक ने बताया कि टेरा की कीमतें क्रैश होने के दौरान कम से कम 3.5 अरब डॉलर वैल्यू वाले बिटकॉइन भी नहीं ट्रेस किए जा सके। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, टेरा ब्लॉकचेन डिवेलपर्स की ओर से सेटअप किए गए फाउंडेशन, लूना फाउंडेशन गार्ड (LFG) की ओर से 3.5 अरब डॉलर वैल्यू के बिटकॉइन्स खरीदे गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1.7 अरब डॉलर वैल्यू 9 मई को LFG वॉलेट से एक नए एड्रेस पर भेजी गई है।