स्पेस-X ने लॉन्च किए 53 स्टारलिंक सैटेलाइट, सुदूर इलाकों में इंटरनेट पहुंचाने का है प्लान
स्पेस-X ने अपने स्टारलिंक इंटरनेट सैटेलाइट का एक और बड़ा बैच आज 12:40 बजे सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। 53 स्टारलिंक सैटेलाइट से लैस अंतरिक्षयान को फॉल्कन 9 रॉकेट से फ्लोरिडा में केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से लॉन्च किया गया। रॉकेट का ऊपरी चरण 53 स्टारलिंक सैटेलाइट को लो अर्थ ऑर्बिट में ले जाएगा। लिफ्टऑफ के लगभग 65 मिनट बाद उन्हें वहां तैनात कर दिया जाएगा। आइये पूरी खबर जानते हैं।
लो अर्थ ऑर्बिट में 12,000 सैटेलाइट स्थापित करेगी कंपनी
पूरी पृथ्वी पर कम कीमत में इंटरनेट प्रदान कराने के लिए एलन मस्क की कंपनी स्पेस-X लो अर्थ ऑर्बिट में हजारों सैटेलाइटों को स्थापित कर रही है। लो अर्थ ऑर्बिट पृथ्वी की सतह से 200 किलोमीटर से 2,000 किलोमीटर ऊपर तक होता है। स्टारलिंक नेटवर्क परियोजना के तहत स्पेस-X पहले चरण में 12,000 सैटेलाइटों को लो अर्थ ऑर्बिट में स्थापित करेगी। इस परियोजना के दूसरे चरण में कंपनी 30,000 सैटेलाइटों को इसी कक्षा में स्थापित करने की तैयारी में है।
4,200 स्टारलिंक सैटेलाइट हैं चालू
एस्ट्रोफिजिसिस्ट और सैटेलाइट ट्रैकर जोनाथन मैकडॉवेल के अनुसार, स्पेस-X ने अब तक 4,500 से अधिक स्टारलिंक सैटेलाइट लॉन्च किए हैं और उनमें से लगभग 4,200 वर्तमान में चालू हैं। स्पेस-X के पास वर्तमान में 12,000 ब्रॉडबैंड सैटेलाइट को तैनात करने की अनुमति है और उसने 30,000 और अधिक सैटेलाइट की तैनाती के लिए आवेदन किया है। स्टारलिंक सैटेलाइट के जरिए कंपनी लगभग 40 देशों को इंटरनेट की सुविधा प्रदान करती है।
सुदूर इलाकों में भी पहुंच जाएगा इंटरनेट
फाइबर केबल और मोबाइल के लिए इस्तेमाल होने वाले वायरलेस नेटवर्क से सभी जगह इंटरनेट पहुंचाने में कई बाधाएं आती हैं और इसके चलते दुनिया की करीब आधी आबादी अभी भी इंटरनेट पहुंच से बाहर है। सैटेलाइट इंटरनेट से इन समस्याओं का हल निकल सकता है और सामान्य इलाकों के अलावा सुदूर जंगली, पहाड़ी और समुद्री इलाकों में भी अच्छी स्पीड वाली सैटेलाइट इंटरनेट की सुविधा मिल सकती है। हालांकि, बरसात, कोहरे के दौरान इंटरनेट स्पीड बाधित हो सकती है।
हाई-बैंडविड्थ कवरेज देता है सैटेलाइट इंटरनेट
सैटेलाइट इंटरनेट के लिए डिश टीवी की तरह छत पर एक छोटा सेटअप या एंटीना लगाना होता है, जिससे इंटरनेट मिलता है। सैटेलाइट इंटरनेट हाई-बैंडविड्थ कवरेज देता है, क्योंकि इसमें मिलीमीटर वेव्स का इस्तेमाल होता है। अगस्त, 2022 में स्पीडटेस्ट ऐप कंपनी ऊकला ने कहा था कि स्टारलिंक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड की स्पीड कई देशों में वायर्ड ब्रॉडबैंड की स्पीड के बराबर पहुंच गई है। स्टारलिंक ने बिना अप्रूवल के भारत में भी प्री-बुकिंग शुरू की थी, जिसे बंद करना पड़ा।
14 घंटे के भीतर स्पेस-X का दूसरा लॉन्च होगा ट्रांसपोर्टर-8
स्पेस-X 72 छोटे सैटेलाइट के साथ 13 जून को भारतीय समयानुसार रात लगभग 2:40 बजे ट्रांसपोर्टर-8 नाम का एक राइडशेयर मिशन लॉन्च करेगी। यह मिशन भी फाल्कन 9 रॉकेट से कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से लॉन्च किया जाएगा। ट्रांसपोर्टर-8 लगभग 14 घंटे के भीतर स्पेस-X का दूसरा मिशन होगा। स्पेस-X इस राइडशेयर प्रोग्राम से छोटी सैटेलाइट कंपनियों को कम कीमत पर अंतरिक्ष तक पहुंच देती है। इससे छोटी सैटेलाइट कंपनियां भी अंतरिक्ष तक पहुंच पाती हैं।