
डार्क वेब पर फ्री में बिक रही 2.9 करोड़ भारतीय लोगों की निजी जानकारियां
क्या है खबर?
नौकरी की तलाश कर रहे लगभग तीन करोड़ भारतीय लोगों की जानकारी डार्क वेब पर फ्री में बेची जा रही है।
साइबर सिक्योरिटी कंपनी साइबल ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि साइबर अपराधियों ने नौकरी ढूंढ रहे 2.9 करोड़ भारतीयों की जानकारी एक हैंकिंग फोरम में डाल दी है, जहां इसे फ्री में बेचा जा रहा है।
इससे पहले साइबल ने डिजिटल स्टडी प्लेटफॉर्म अनएकेडमी की डाटा लीक की जानकरी दुनिया को दी थी।
डाटा लीक
डाटाबेस में निजी जानकारियां भी शामिल
शुक्रवार को एक ब्लॉग पोस्ट में जानकारी देते हुए साइबल ने लिखा, 'नौकरी की तलाश में लगे 2.9 करोड़ भारतीयों की निजी जानकारी डार्क वेब पर फ्री में बिक रही है। आमतौर पर ऐसी लीक्स चलती रहती हैं, लेकिन इस बार मैसेज हैडर ने हमारा ध्यान आकर्षित किया क्योंकि इसमें लोगों की निजी जानकारियां दी गई थी। इन जानकारियों में लोगों की शैक्षणिक योग्यता और उनके पत्ते आदि शामिल थे।'
डाटा लीक
इस काम आ सकती है ऐसी जानकारी
साइबल ने लिखा कि लोगों की संख्या और उनके बारे में विस्तृत जानकारी देखते हुए ऐसा लग रहा है यह डाटा किसी रिज्यूमे एग्रीगेटर के पास से लीक हुआ है।
इस डाटाबेस में लोगों के ईमेल, फोन नंबर, घर का पता, शैक्षणिक योग्यता और काम के अनुभव आदि के बारे में जानकारी दी गई है।
कंपनी ने बताया कि ऐसी जानकारी अक्सर ऑनलाइन स्कैम या कॉर्पोरेट जासूसी करने के काम आती है।
डाटा लीक
अनएकेडमी के 2.2 करोड़ यूजर्स का डाटाबेस हुआ था लीक
इसी महीने के शुरुआत में जानकारी सामने आई थी कि डिजिटल स्टडी प्लेटफॉर्म अनएकेडमी के 2.2 करोड़ यूजर्स का डाटाबेस लीक हुआ है और यह डार्कवेब पर बेचा जा रहा है।
डाटाबेस में विप्रो, इंफोसिस, कॉग्निजेंट, गूगल और इसके निवेशक फेसबुक के कर्मचारियों के कॉन्टैक्ट भी थे।
तब भी साइबर सिक्योरी कंपनी साइबल ने इसकी लीक की जानकारी दी थी। रिपोर्ट में बताया गया कि यह डाटा जनवरी में लीक हुआ था और अब इसे बेचा जा रहा है।
जानकारी
डाटाबेस में शामिल थी ये जानकारियां
साइबल ने बताया कि इस डाटाबेस में यूजर का नाम, ईमेल एड्रेस, पासवर्ड्स, प्लेटफॉर्म ज्वॉइन करने की तारीख, आखिरी बार लॉग-इन कब किया था, पहला और आखिरी नाम, अकाउंट प्रोफाइल और अकाउंट स्टेटस शामिल था।
डार्क वेब
क्या होती है डार्क वेब, जहां बिकता है डाटा?
डार्क वेब इंटरनेट का वो हिस्सा है, जो सर्च इंजन पर इंडेक्स नहीं है यानी साधारण यूजर इसे एक्सेस नहीं कर पाएगा। इसे एक्सेस करने के लिए अलग ब्राउजर की जरूरत होती है।
यहां पर क्रेडिट कार्ड नंबर, सभी प्रकार की ड्रग्स, नकली पैसे, चुराया गया डाटा, हैक किए सोशल मीडिया अकाउंट आदि आसानी से उपलब्ध होते हैं।
हालांकि, यहां मौजूद जानकारियों पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
डार्क वेब पर लेनदेन के लिए अधिकतर क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल होता है।