व्हाट्सऐप में फिर मिली बड़ी खामी, वीडियो भेजकर किया जा सकता है फोन हैक
क्या है खबर?
व्हाट्सऐप के जरिये जासूसी का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि इससे ही जुड़ी एक और घटना सामने आई है।
केंद्र सरकार की साइबर एजेंसी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ने शनिवार को व्हाट्सऐप में एक खामी की जानकारी दी।
इस खामी के जरिए हैकर MP4 फॉर्मेट में वीडियो भेजकर यूजर के फोन को निशाना बना सकते हैं। एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में इसे उच्च स्तर की खामी बताया है।
आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।
रिपोर्ट
MP4 वीडियो के जरिए बनाया जा सकता है निशाना
व्हाट्सऐप में खामी की तरफ इशारा करते हुए एजेंसी ने कहा कि कोई हैकर खास तौर से बनाई गई MP4 वीडियो भेजकर इस खामी के जरिए यूजर के फोन को निशाना बना सकता है।
अगर हैकर ऐसा करने में कामयाब रहता है तो वह फोन को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।
फेसबुक ने भी गुरुवार को इससे जुड़ी एडवायजरी जारी की थी। इसमें एंड्रॉयड, विंडो और iOS के प्रभावित हो सकने वाले वर्जन की भी जानकारी दी थी।
जानकारी
एंड्रॉयड, iOS और विंडो के ये वर्जन हो सकते हैं प्रभावित
व्हाट्सऐप के मालिकाना हक वाली कंपनी फेसबुक ने बयान में कहा कि 2.19.274 से पहले का एंड्रॉयड वर्जन, 2.19.100 से पहले का iOS वर्जन, 2.18.368 से पहले का विंडो वर्जन और बिजनेस व्हाट्सऐप का 2.19.100 से पहले का iOS वर्जन इससे प्रभावित हो सकता है।
जासूसी
रिपोर्ट ने दिलाई पेगासस के जरिए जासूसी की याद
व्हाट्सऐप में खामी की रिपोर्ट लगभग उस रिपोर्ट जैसी है जिसमें पेगासस के जरिए व्हाट्सऐप यूजर्स की जासूसी करने की जानकारी थी।
हालांकि, कंपनी ने दावा किया है कि उसने यह खामी दूर कर ली है, लेकिन व्हाट्सऐप या फेसबुक ने इसे लेकर ज्यादा जानकारी नहीं दी है।
इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पाईवेयर के जरिए दुनियाभर के लगभग 1,400 लोगों की जासूसी की रिपोर्ट आने के बाद भारत समेत पूरी दुनिया में हल्ला मच गया था।
जानकारी
जासूसी मामले में व्हाट्सऐप ने किया है एनएनओ ग्रुप पर मुकदमा
व्हाट्सऐप ने जासूसी को लेकर एनएसओ ग्रुप के खिलाफ अमेरिकी अदालत में मुकदमा दायर किया है। हालांकि, एनएसओ ग्रुप ने जासूसी के पीछे अपना हाथ होने से इनकार करते हुए कहा था कि वह पूरी ताकत से कानून लड़ाई लड़ेगी।
जासूसी का निशाना
भारत के पत्रकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील भी बने निशाना
व्हाट्सऐप के जरिए जासूसी का शिकार हुए लोगों में कुछ भारतीयों का भी नाम था। इन लोगों में मुख्यत: पत्रकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता, वकील और शिक्षाविद आदि शामिल थे।
इन्हीं में एक रूपाली जाधव ने इस पूरे मामले को लेकर न्यूजबाइट्स से खास बातचीत की थी, जिसे यहां पढ़ा जा सकता है।
वहीं पेगासस के जरिए की गई जासूसी के पूरे मामले के बारे में आप यहां क्लिक कर विस्तार से जानकारी ले सकते हैं।