ऑनलाइन पेमेंट के इस नए तरीके से बढ़ सकती है फोनपे और गूगल पे की चिंता
ऑनलाइन पेमेंट के लिए लोग आमतौर पर फोनपे और गूगल पे जैसी थर्ड पार्टी ऐप का इस्तेमाल करते हैं। अब एक नया तरीका सामने आया है, जिससे ग्राहकों को किसी भी पेमेंट के लिए थर्ड पार्टी ऐप पर नहीं जाना होगा। इस नए फीचर को UPI प्लगइन या मर्चेंट SDK (सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट) नाम दिया गया है। आइये जानते हैं कि कैसे पेमेंट के इस नए तरीके से गूगल पे और फोनपे आदि की चिंता बढ़ सकती है।
बिना थर्ड पार्टी ऐप के जरिए कर सकेंगे UPI पेमेंट
इसे ऐसे समझिए कि अभी यूजर्स स्विगी, जोमैटो, मिंत्रा आदि के जरिए सामान ऑर्डर करने के लिए UPI पेमेंट का विकल्प चुनते है तो ये प्लेटफॉर्म ग्राहक को गूगल पे या फोनपे जैसी ऐप पर ले जाते हैं। पेमेंट के बाद ग्राहक वापस स्विगी और मिंत्रा आदि ऐप पर आता है और फिर ऑर्डर पूरा होता है। अब UPI प्लगइन के जरिए बिना थर्ड पार्टी ऐप पर जाए ही ऐप के भीतर ही UPI पेमेंट हो जाएगी।
UPI पेमेंट में पहले और दूसरे नंबर पर हैं फोनपे और गूगल पे
पेमेंट गेटवे और प्रोसेसिंग फर्म पेटीएम, रेजरपे और जस्पे ने कुछ मर्चेंट्स के साथ इस फीचर को इनेबल किया है। माना जा रहा है कि UPI प्लगइन इस क्षेत्र में पहले और दूसरे नंबर की ऐप फोनपे और गूगल पे को नुकसान पहुंचा सकता है। दरअसल, आज की तारीख में अधिकतर मर्चेंट्स UPI पेमेंट के लिए इन थर्ड पार्टी ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं। UPI पेमेंट में फोनपे की 47 प्रतिशत और गूगल पे की 33 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है।
बड़े मर्चेंट्स के UPI प्लगइन की तरफ बढ़ने से थर्ड पार्टी ऐप को लगेगा झटका
UPI चलाने वाले नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के साथ काम करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अगर स्विगी, जोमैटो, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा और ड्रीम 11 जैसे बड़े मर्चेंट्स इन-लाइन या इन-ऐप पेमेंट की तरफ बढ़ते हैं तो यह गूगल पे और फोनपे के लिए एक बड़ा झटका होगा। आज की तारीख में सभी UPI पेमेंट में से लगभग 57 प्रतिशत मर्चेंट लेनदेन हैं और इनमें से आधे मर्चेंट ट्रांजैक्शन ऑनलाइन होते हैं।
UPI के जरिए होता है ऑनलाइन लेनदेन का 60 प्रतिशत ट्रांजैक्शन
रिपोर्ट में कहा गया कि मर्चेंट्स, पेमेंट प्रोसेसर्स और बैंकों सहित अन्य की लंबे समय से UPI प्लगइन जैसे सिस्टम की मांग थी। ऑनलाइन लेनदेन का लगभग 60 प्रतिशत UPI के जरिए होता है और अगले कुछ वर्षों में इसके 75 प्रतिशत तक जाने की उम्मीद है। थर्ड पार्टी ऐप ज्यादातर मर्चेंट ट्रांजैक्शन के जरिए पैसा कमाते हैं। ऐसे में इस नए फीचर से उन्हें नुकसान हो सकता है। नया मर्चेंट SDK अपने पुराने TPAP SDK का नया वर्जन है।