
प्राइम नाउ डिलिवरी ऐप बंद कर रही है अमेजन, जानें क्यों किया है बदलाव
क्या है खबर?
शॉपिंग प्लेटफॉर्म अमेजन ने अपनी स्टैंडअलोन प्राइम नाउ डिलिवरी ऐप बंद करने का फैसला किया है।
इस ऐप की मदद से यूजर्स जरूरी सामान की डिलिवरी घर बैठे केवल दो घंटे के अंदर पा सकते थे।
दरअसल, अब टू-आवर डिलिवरी ऑप्शन यूजर्स को अमेजन की मेन ऐप और वेबसाइट पर दे दिया गया है।
यही वजह है कि अलग से प्राइम नाउ ऐप की जरूरत नहीं है और इसके फीचर्स पहले की तरह मिलते रहेंगे।
फैसला
रिटायर होगी प्राइम नाउ ऐप और वेबसाइट
कंपनी ने कहा है कि भारत, जापान और सिंगापुर में यह पहले ही यूजर्स के लिए प्राइम नाउ एक्सपीरियंस अमेजन ऐप पर मूव कर चुकी है।
इसके साथ ही प्राइम नाउ ऐप और वेबसाइट को रिटायर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
ग्रोसरी एट अमेजन की वाइस प्रेसिडेंट स्टेफनी लांन्ड्री ने बताया, "हमने 2019 से ही अमेजन फ्रेश से टू-आवर डिलिवरी शुरू कर दी है। ग्लोबली हम थर्ड-पार्टी पार्टनर्स और लोकल स्टोर्स को अमेजन पर मूव कर देंगे।"
प्राइम नाउ
मिलता था चंद घंटों में डिलिवरी का विकल्प
अमेजन ने साल 2014 में प्राइम नाउ सेवा लॉन्च की थी, जिसका मकसद कम से कम वक्त में जरूरी सामान डिलीवर करना था।
अब यूजर्स को हर तरह की शॉपिंग करने, ऑर्डर ट्रैक करने और कस्टमर सर्विस से बात करने के लिए केवल एक ऐप की जरूरत होगी।
स्टेफनी ने कहा, "रोजमर्रा की जरूरी चीजों जैसे- गिफ्ट्स, खिलौनों, हाई-क्वॉलिटी ग्रोसरी और दूसरे सामान खरीदते वक्त प्राइम नाउ जैसी अल्ट्राफास्ट डिलिवरी अब ग्राहकों को अमेजन पर मिलेगी।"
फीडबैक
शुरुआती टेस्टिंग के बाद लिया फैसला
अमेजन ने बताया कि प्राइम नाउ ऐप को बंद करने का फैसला यूजर्स से मिले फीडबैक के बाद लिया गया और पहले चुनिंदा मार्केट्स में नया विकल्प यूजर्स को मिला।
कंपनी ने मेन ऐप पर टू-आवर डिलिवरी का विकल्प टेस्ट करना शुरू किया था, जिसके पॉजिटिव रिव्यूज मिले।
यूजर्स को मेन ऐप में फास्ट डिलिवरी का विकल्प बेहतर लगा, जिसके चलते अमेजन ने अगला कदम उनके लिए अल्ट्राफास्ट डिलिवरी एक्सपीरियंस बेहतर बनाने का उठाया।
प्राइम
भारत में एक महीने का प्राइम सब्सक्रिप्शन नहीं मिलेगा
अमेजन ने भारत में एक महीने की प्राइम मेंबरशिप देना बंद कर दिया है और यूजर्स पहले की तरह अब एक महीने का फ्री ट्रायल भी नहीं ले पाएंगे।
यानी कि अब यूजर्स कम से कम तीन महीने वाला या फिर एनुअल सब्सक्रिप्शन प्लान ले सकते हैं।
दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से ऑटोमैटिक ट्रांजैक्शंस से जुड़े नए नियम लागू किए गए हैं, जिनके चलते अमेजन को यह फैसला लेना पड़ा।