
मेटा AI डाटा सेंटर बनाने के लिए सैकड़ों अरब डॉलर का करेगी निवेश
क्या है खबर?
मार्क जुकरबर्ग के स्वामित्व वाली कंपनी मेटा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में लगातार बड़े स्तर पर निवेश कर रही है। अब कंपनी ने कई AI डाटा सेंटर बनाने के लिए सैकड़ों अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा की है। मेटा का लक्ष्य सुपरइंटेलिजेंस बनाना है, यानी ऐसी मशीनें जो इंसानों से बेहतर काम कर सकें। कंपनी इस क्षेत्र में गूगल, ऐपल और OpenAI जैसी कंपनियों से होड़ कर रही है।
खर्च
विज्ञापन से मिलने वाली कमाई से होगा खर्च
जुकरबर्ग ने कहा कि मेटा का मजबूत विज्ञापन व्यवसाय इस निवेश को पूरा करने के लिए पर्याप्त पूंजी देता है। उन्होंने तकनीकी निवेशकों की चिंताओं को दूर करते हुए कहा कि हम अपने मुख्य कारोबार से ही ये खर्च उठा सकते हैं। उन्होंने सेमीएनालिसिस की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें बताया गया है कि मेटा जल्द ही 1 गीगावाट से ज्यादा क्षमता वाला सुपरक्लस्टर शुरू करने वाली पहली कंपनी बन सकती है।
डाटा सेंटर
प्रोमेथियस और हाइपरियन होंगे पहले क्लस्टर
मेटा के पहले AI डाटा सेंटर क्लस्टर का नाम 'प्रोमेथियस' रखा गया है, जो 2026 में शुरू होगा और अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगा। दूसरा क्लस्टर 'हाइपरियन' कई सालों में 5 गीगावाट तक की क्षमता बढ़ा सकेगा और उच्च दक्षता के साथ कार्य करेगा। जुकरबर्ग ने बताया कि कंपनी कई और बड़े क्लस्टर भी बना रही है। इनमें से एक क्लस्टर मैनहट्टन के बड़े हिस्से जितना बड़ा होगा, जिनका उपयोग AI मॉडल ट्रेनिंग और शोध के लिए किया जाएगा।
कंप्यूटिंग पावर
शोधकर्ताओं को मिलेगा सबसे ज्यादा कंप्यूटिंग पावर
जुकरबर्ग ने कहा कि मेटा की सुपरइंटेलिजेंस लैब्स में शोधकर्ताओं को अब तक की सबसे ज्यादा कंप्यूटिंग क्षमता मिलेगी। उन्होंने कहा कि मेटा दुनिया की सबसे प्रतिभाशाली और समर्पित टीम बनाना चाहता है, जो सुपरइंटेलिजेंस के क्षेत्र को आगे बढ़ा सके और नए प्रयोगों को जन्म दे। मेटा का यह कदम AI क्षेत्र में नेतृत्व की उसकी महत्वाकांक्षा को दर्शाता है। कंपनी का फोकस कंप्यूटिंग शक्ति, नवाचार और वैश्विक टैलेंट पर है।