35 करोड़ एयरटेल यूजर्स पर KYC फ्रॉड और आइडेंटिटी स्कैम का खतरा, ऐसे रहें सुरक्षित
क्या है खबर?
ऑनलाइन फ्रॉड, डाटा चोरी और आइडेंटिटी स्कैम के मामले तेजी से बढ़े हैं और एयरटेल यूजर्स को इनसे बचने की सलाह दी गई है।
एयरटेल CEO गोपाल विट्टल ने कंपनी के करोड़ों सब्सक्राइबर्स को ऐसे फ्रॉड्स के बढ़ रहे मामलों की जानकारी दी है और इनसे बचने के तरीके बताए हैं।
उन्होंने कहा है कि कोविड-19 महामारी के बाद से ही ऑनलाइन लेनदेन बढ़ा है और KYC अपडेट के नाम पर एयरटेल सब्सक्राइबर्स को फंसाया जा रहा है।
ईमेल
आधिकारिक ईमेल में दी चेतावनी
एयरटेल CEO ने आधिकारिक ईमेल में करोड़ों सब्सक्राइबर्स से ऐसे फ्रॉड्स को लेकर सतर्क रहने को कहा है।
उन्होंने बताया कि साइबर अटैकर्स खुद को एयरटेल का एग्जक्यूटिव बताकर संपर्क करते हैं और 'नो योर कस्टमर' (KYC) अपडेट करने को कहते हैं।
दावा किया जाता है कि सभी यूजर्स के लिए ऐसा करना अनिवार्य है।
इसके बाद यूजर्स से जानकारी लेकर उन्हें फ्रॉड का शिकार बनाया जाता है। इस दौरान जरा सी लापरवाही सब्सक्राइबर पर भारी पड़ सकती है।
वजह
इसलिए बढ़े हैं KYC से जुड़े फ्रॉड
ईमेल में विट्टल ने कहा है कि इस तरह के स्कैम बढ़ने की वजह कोविड-19 महामारी से जुड़ी है।
दरअसल, महामारी की शुरुआत में लॉकडाउन, घर पर ज्यादा वक्त बिताने और सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत के चलते मोबाइल फोन्स का इस्तेमाल बढ़ा है।
कई यूजर्स ने इस दौरान पहली बार डिजिटल पेमेंट ऐप्स और ऑप्शंस का इस्तेमाल शुरू किया।
ऐसे यूजर्स को स्कैमर्स आसानी से फंसा लेते हैं और उनके डाटा से लेकर पैसे तक चोरी किए जा सकते हैं।
तरीका
OTP और कस्टमर ID मांगते हैं अटैकर्स
एयरटेल यूजर्स को बताया गया है कि अटैकर्स कॉल या मेसेज कर किसी बैंक, बड़ी कंपनी या एयरटेल से जुड़े होने का दावा करते हैं।
मौजूदा बैंक या टेलीकॉम अकाउंट को रिन्यू या अनलॉक करने की बात कहते हुए विक्टिम से अकाउंट डीटेल्स और OTP की मांग की जाती है।
ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब कस्टमर ID, M-पिन या OTP शेयर करने के बाद यूजर्स का अकाउंट खाली हो गया।
ऐप्स
फेक ऐप्स के जरिए भी स्कैम की कोशिश
विट्टल ने बताया कि साइबर अटैकर्स के लिए फेक UPI ऐप्स और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स भी अटैक का एक तरीका बन गई हैं।
इन ऐप्स में NPCI और BHIM के लोगो और नाम इस्तेमाल किए गए हैं।
उन्होंने कहा, "इन ऐप्स को डाउनलोड करने के बाद यूजर से बैंक अकाउंट लिंक करने और M-पिन एंटर करने को कहा जाता है, जिसके बाद अकाउंट का पूरा ऐक्सेस अटैकर को मिल जाता है।"
सावधानी
अपना सेंसिटिव डाटा ना करें शेयर
विट्टल ने कहा है, "किसी भी तरह की संदिग्ध ऐप्स या वेबसाइट्स का इस्तेमाल ना करें और अपना सेंसिटिव पर्सनल डाटा किसी के साथ शेयर ना करें।"
इसी तरह किसी थर्ड-पार्टी ईमेल में दिए गए संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें क्योंकि कई बार ऐसे ईमेल भेजने के लिए अटैकर्स इनकम टैक्स विभाग, वीजा या मास्टरकार्ड जैसे नाम इस्तेमाल करते हैं।
किसी (फेक) कंपनी एग्जक्यूटिव के कहने पर कोई ऐप डाउनलोड ना करें।
पहचान
कैसे करें ऐसे खतरनाक स्कैम्स की पहचान?
ऐसे स्कैम्स और फ्रॉड से बचने के लिए सतर्क रहना और इत्मीनान से इनमें कही जा रही बातें समझना जरूरी है।
ध्यान रहे, किसी भी तरह की सेवा ऐक्सेस करने के लिए अनजान व्यक्ति के साथ OTP या बैंकिंग डीटेल्स शेयर करने की जरूरत नहीं होती।
ऐसे स्कैम्स किसी ऑफर का जिक्र कर सकते हैं या फिर अकाउंट बंद होने का डर दिखाते हैं। आप स्कैमर की कही बात को गूगल सर्च कर वेरिफाइ कर सकते हैं।
टिप्स
पांच टिप्स रखेंगे आपको सुरक्षित
प्ले स्टोर या ऐप स्टोर के अलावा किसी वेबसाइट से थर्ड-पार्टी ऐप इंस्टॉल ना करें।
आधिकारिक मेसेज की भाषा, नंबर और उसमें कही बात को वेरिफाइ जरूर करें।
मेसेज में स्पेलिंग से जुड़ी गलती होने का मतलब है कि वह फेक है।
किसी भी दावे को उसके साथ शामिल की गई कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर क्रॉसचेक कर लें।
आखिरी और सबसे जरूरी सेफ्टी टिप अपना OTP किसी के साथ शेयर ना करना है।