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    ISRO स्पेडेक्स मिशन के दोनों सैटेलाइट सही कक्षा में हुए स्थापित
    स्पेडेक्स मिशन के दोनों सैटेलाइट सही कक्षा में हुए स्थापित (तस्वीर: ISRO)

    ISRO स्पेडेक्स मिशन के दोनों सैटेलाइट सही कक्षा में हुए स्थापित

    लेखन बिश्वजीत कुमार
    Dec 31, 2024
    09:20 am

    क्या है खबर?

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बीती रात (30 दिसंबर) अपने स्पेडेक्स मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है।

    ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया कि लॉन्च के करीब 15 मिनट बाद PSLV-C60 रॉकेट ने 475 किलोमीटर की कक्षा में दोनों सैटेलाइट्स को स्थापित किया।

    ये दोनों सैटेलाइट्स 20 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद 7 जनवरी तक डॉकिंग प्रक्रिया पूरी करेंगे। इस सफलता ने भारत को अंतरिक्ष डॉकिंग में सक्षम देशों की सूची में शामिल कर दिया है।

    POEM-4

    POEM-4: उन्नत तकनीक का परिचय 

    ISRO के स्पेडेक्स मिशन का अहम हिस्सा POEM-4 है, जिसमें स्टार्टअप्स, उद्योग और शिक्षण संस्थानों के 24 पेलोड शामिल हैं। इससे ISRO की POEM क्षमता 3 गुना तक बढ़ गई है।

    स्पेडेक्स मिशन के निदेशक एम जयकुमार ने इसे तकनीकी दृष्टि से बड़ी सफलता बताया है। यह विशेष मिशन अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की क्षमताओं को मजबूत करता है और वैश्विक स्तर पर इसकी स्थिति को और ऊंचा करता है।

    बयान

    ISRO प्रमुख का बयान- भारत अंतरिक्ष डॉकिंग में अग्रसर

    ISRO प्रमुख ने स्पेडेक्स मिशन की सफलता पर कहा कि यह भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक कदम है।

    उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक रात भर काम कर रहे हैं ताकि POEM-4 को वांछित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया जा सके।

    डॉकिंग प्रक्रिया के लिए 7 जनवरी तक की समय सीमा तय की गई है। स्पेडेक्स मिशन, अंतरिक्ष स्टेशन निर्माण और चंद्रयान-4 जैसे भविष्य के मिशनों की नींव रखने में मदद करेगा।

    डॉकिंग तकनीक

    डॉकिंग तकनीक से अंतरिक्ष क्षेत्र में नई उन्नति

    सोमनाथ ने अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक को ISRO की क्षमता बढ़ाने वाला बताया।

    उन्होंने कहा कि 'चेजर' और 'टारगेट' नामक यान 470 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक साथ जुड़ेंगे। यह तकनीक सैटेलाइट सेवा, अंतरग्रहीय मिशनों और अंतरिक्ष स्टेशन निर्माण के लिए बेहद अहम है।

    उनके अनुसार, स्पेडेक्स मिशन भारत को इस तकनीक में दुनिया के चुनिंदा देशों में शामिल करेगा। डॉकिंग प्रक्रिया के दौरान ऑनबोर्ड कैमरों से छवियों का प्रसारण ISTRAC, बेंगलुरु से होगा।

    आधार

    महत्वाकांक्षी योजनाओं का आधार

    उन्होंने इस मिशन को अंतरिक्ष क्षेत्र के विस्तार और सुधार का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से चंद्रमा से नमूने लाने, अंतरिक्ष स्टेशन बनाने और मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रमों को दिशा मिलेगी।

    उन्होंने इसे पहली स्पेडेक्स परियोजना बताते हुए कहा कि भविष्य में इसके और जटिल संस्करण विकसित किए जाएंगे।

    ISRO के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए उन्होंने POEM-4 के 24 पेलोड्स को अनुसंधान और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

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