विशाल आकाशगंगाओं का कैसे हुआ निर्माण? जल्द रहस्य सुलझा सकते हैं वैज्ञानिक
अंतरिक्ष वैज्ञानिक ब्रह्मांड के रहस्याओं को जानने के लिए लगातार शोध कर रहे हैं। शोध के अनुसार, ब्रह्मांड में बड़ी आकाशगंगाओं का निर्माण आकाशगंगाओं के आपस में टकराने से हुआ। लगभग 12 अरब साल पहले, छोटे आकार की आकाशगंगाएं आपस में टकराईं, जिससे बड़ी आकाशगंगाओं का निर्माण हुआ। ये आकाशगंगाएं मिल्की वे जैसी सपाट डिस्क की बजाय फुटबॉल जैसी उभरी हुई आकृति में विकसित हुईं। साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के खगोलविदों ने इस प्रक्रिया को समझने के लिए गहन अध्ययन किया है।
कैसे हुआ निर्माण?
नेचर जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में, डॉ. अन्नाग्राज़िया पुग्लिसी ने बताया कि 2 डिस्क आकाशगंगाओं के आपस में टकराने से गैस केंद्र की ओर खींची गई, जिससे खरबों नए तारे बने। यह घटना लगभग 8-12 अरब साल पहले हुई थी, जब ब्रह्मांड विकास के सक्रिय चरण में था। चिली में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी रेडियो दूरबीन, अल्मा का इस्तेमाल करके टीम ने 100 से अधिक आकाशगंगाओं का अध्ययन किया, जिससे इस रहस्य को सुलझाने में मदद मिली।
ऐसे बनती हैं गोलाकार आकाशगंगाएं
पर्पल माउंटेन वेधशाला के प्रमुख डॉ. किंग-हुआ टैन ने बताया कि नई तकनीक से यह पाया गया कि गोलाकार आकाशगंगाएं दूर की आकाशगंगाओं के कोर में तारे बनने के तीव्र एपिसोड से बनती हैं। इन आकाशगंगाओं में गैस ब्लैक होल की ओर खींची जाती है, जिससे तारे बहुत तेजी से बनते हैं। वैज्ञानिक अब जेम्स वेब और यूक्लिड सैटेलाइट्स से डाटा जोड़कर आकाशगंगाओं के निर्माण की और गहरी जानकारी प्राप्त करेंगे, जिससे ब्रह्मांड के विकास को बेहतर समझा जा सकेगा।