अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.50 रुपये के नए निचले स्तर पर पहुंचा भारतीय रुपया
क्या है खबर?
भारतीय रुपया आज (5 फरवरी) अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.50 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया।
सुबह यह 87.12 पर खुला, जो पिछले दिन के मुकाबले 5 पैसे कमजोर था। एशियाई बाजारों में गिरावट और वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण निवेशकों में सतर्कता बढ़ी।
हांगकांग और चीन के शेयर बाजारों में कमजोरी देखी गई, जिससे रुपया दबाव में आ गया। अमेरिकी टेक कंपनियों के शेयरों में गिरावट और ट्रेजरी यील्ड बढ़ने से भी डॉलर मजबूत हुआ।
वजह
तेल की कीमतों और बजट का असर
रुपये पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों का भी असर पड़ा है। ब्रेंट क्रूड 76.75 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया, जिससे आयात खर्च बढ़ा।
भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है, इसलिए तेल महंगा होने से रुपया कमजोर होता है।
बजट में वित्तीय घाटा घटाने की घोषणा से कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन विदेशी निवेशकों की प्रतिक्रिया अहम होगी। बुनियादी ढांचे और विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के प्रयास रुपये को स्थिर कर सकते हैं।
वजह
वैश्विक कारणों से गिरावट
रुपये की गिरावट के पीछे कई अंतरराष्ट्रीय कारण हैं।
अमेरिका ने चीन पर नए टैरिफ लगाए हैं, जिससे वैश्विक व्यापार अस्थिर हो गया। इस वजह से डॉलर मजबूत हुआ और एशियाई मुद्राओं पर दबाव बढ़ा। चीन की मुद्रा युआन भी गिर गई, जिससे बाजारों पर असर पड़ा।
विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से पैसा निकालना शुरू कर दिया है, जिससे रुपये में और कमजोरी आई। अगर यह स्थिति जारी रही, तो भविष्य में रुपये में अस्थिरता बनी रह सकती है।