जमकर स्मार्टवॉच खरीद रहे हैं भारतीय यूजर्स, 2022 की पहली तिमाही में टूटे रिकॉर्ड्स
क्या है खबर?
भारतीय यूजर्स स्वस्थ रहने की जरूरत समझकर या फिर नए ट्रेंड को अपनाते हुए जमकर स्मार्टवॉच खरीद रहे हैं।
काउंटरपॉइंट रिसर्च की ओर से शेयर की गई रिपोर्ट में नया डाटा सामने आया है और साल 2022 की पहली तिमाही में शानदार सालाना बढ़त दर्ज की गई है।
बता दें, जनवरी से मार्च महीने में हुई बिक्री के साथ टॉप-5 पोजीशन पर रहे ब्रैंड्स में स्थानीय टेक कंपनियों का दबदबा देखने को मिला है।
बढ़त
बजट स्मार्टवॉचेज के मार्केट में बड़ी हलचल
रिपोर्ट में बताया गया है कि 5,000 रुपये के आसपास वाले वियरेबल मार्केट में पिछले तीन महीनों में सबसे ज्यादा हलचल देखने को मिली है।
यानी कि ग्राहक सस्ती स्मार्टवॉच खरीदना चाहते हैं और यही सेगमेंट ओवरऑल मार्केट ग्रोथ के लिए भी जिम्मेदार है।
साल 2022 में इस सेगमेंट में ढेर सारे नए विकल्प भी आए और लॉन्च देखने को मिले।
ग्राहकों को इस सेगमेंट में मिलने वाले डिस्काउंट्स भी स्मार्टवॉचेज की ज्यादा बिक्री के लिए जिम्मेदार रहे।
रिपोर्ट
वियरेबल सेगमेंट को 173 प्रतिशत बढ़त मिली
साल 2021 के मुकाबले इस साल की पहली तिमाही में स्मार्टवॉच मार्केट 173 प्रतिशत बढ़ा है।
काउंटरपॉइंट ने अलग-अलग कंपनियों की ओर से बेची गई स्मार्टवॉच यूनिट्स की संख्या नहीं बताई है, लेकिन मार्केट शेयर से जुड़ी जानकारी जरूर साझा की है।
इसमें पता चला है कि भारतीय ब्रैंड नॉइस के पास सबसे ज्यादा मार्केट शेयर रहा।
नॉइस ने हाल ही में लॉन्च कीं अपनी नई डिवाइसेज के साथ लगभग दोगुना शिपमेंट रिकॉर्ड किया।
शेयर
किस कंपनी के पास रहा कितना मार्केट?
साल 2022 की पहली तिमाही में सबसे ज्यादा 23 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ नॉइस टॉप पोजीशन पर रही।
इसके बाद 21 प्रतिशत शेयर के साथ फायरबोल्ट ने दूसरी पोजीशन पर कब्जा किया।
अन्य भारतीय कंपनी बोट के पास 17.8 प्रतिशत शेयर रहा और यह भी टॉप-3 में शामिल रही।
बाकी कंपनियों की बात करें तो रियलमी के सबब्रैंड डिजो और सैमसंग के पास क्रम से 4.4 प्रतिशत और 3.8 प्रतिशत शेयर रहा।
बदलाव
2,000 रुपये से कम कीमत वाले सेगमेंट में छलांग
सीनियर रिसर्च एनालिस्ट अंशिका जैन ने मार्केट ट्रेंड्स पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि 5,000 रुपये से कम कीमत वाले बैंड में पिछले साल पहली तिमाही में 78 प्रतिशत शेयर था, जो इस साल बढ़कर 87 प्रतिशत हो गया।
वहीं, 2000 रुपये से कम कीमत वाले सेगमेंट में एक साल पहले केवल दो प्रतिशत शिपमेंट्स रिकॉर्ड किए गए थे, जो इस साल सबसे बड़ी छलांग के साथ 14 प्रतिशत पर जा पहुंचा है।
वजह
स्मार्टबैंड के बजाय स्मार्टवॉच खरीद रहे यूजर्स
अंशिका ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया, "ढेरों ब्रैंड्स ने कम कीमत वाले इस सेगमेंट पर फोकस किया है, जिससे वे फर्स्ट-टाइम यूजर्स को लुभा सकें और स्मार्टबैंड यूजर्स को नया विकल्प दे पाएं।"
उन्होंने कहा, "ग्राहकों के बीच इन वियरेबल्स को लेकर जागरूकता बढ़ी है और ब्रैंड्स की ओर से मार्केटिंग और प्रमोशन के लिए किए जा रहे प्रयास इसकी वजह हैं। यूजर्स अब स्मार्टबैंड के बजाय स्मार्टवॉच खरीदना बेहतर समझ रहे हैं।"