अगले छह महीनों में शुरू हो जाएगा फ्लैक्स-फ्यूल वाले वाहनों का निर्माण- गडकरी
क्या है खबर?
परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी है कि देश की बड़ी वाहन निर्माता कंपनियों ने उन्हे अगले छह महीनों में फ्लैक्स-फ्यूल वाले वाहनों का निर्माण शुरू करने का आश्वासन दिया है।
इस वादे से उम्मीद है कि 100 प्रतिशत स्वच्छ ऊर्जा स्रोत वाले वाहन जल्द ही बाजार में देखने को मिल सकते हैं।
बता दें कि इस साल अक्टूबर तक इससे जुड़ी गाइडलाइंस आने वाली हैं, जिनमें इसके कॉन्फिगरेशन से जुड़े नियमों और दूसरी चीजों को तय किया जाएगा।
बयान
ज्यादातर किसान बना रहे हैं बायो-एथेनॉल- गडकरी
फ्लैक्स-फ्यूल वाहनों के बारे में गडकरी ने कहा, "इस हफ्ते मैंने सभी बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों के प्रबंध निदेशकों और सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्होंने वादा किया कि वे ऐसे फ्लैक्स-फ्यूल इंजन का निर्माण शुरू करेंगे जो एक से अधिक ईंधन पर चल सकेंगे।"
गडकरी के मुताबिक अब किसान चावल, मक्का और गन्ने के रस से बायो-एथेनॉल बना रहे हैं और जल्द ही भारत में अधिकतर वाहन 100 प्रतिशत एथेनॉल से चलेंगे।
कारण
यूक्रेन-रूस की जंग ने बढ़ाई है परेशानी
गडकरी ने आगे कहा कि भारत सरकार ग्रीन हाइड्रोजन और अन्य वैकल्पिक ईंधन के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार काम कर रही है।
भारत जैसे देश जहां आज भी पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधनों का ज्यादा इस्तेमाल होता है। वहां यूक्रेन और रूस के बीच हो रही जंग की वजह से ईंधन आपूर्ति में बहुत कठिनाइयां आ रही हैं। ऐसे में बायो-एथेनॉल और LNG जैसे सस्ते और प्रदूषण मुक्त विकल्प बहुत काम आ सकते हैं।
जानकारी
मौजूदा समय में ये हैं कच्चे तेल आयात के आंकड़े
अगर भारत में किये जा रहे इंधनों के आयात की बात करें तो मंत्री ने बताया कि वर्तमान में भारत आठ लाख करोड़ रुपये के कच्चे तेल का आयात करता है और अगले पांच सालों में यह 25 लाख करोड़ रुपये तक जा सकता है।
लक्ष्य
ये है सरकार का लक्ष्य
गडकरी के मुताबिक ब्राजील, कनाडा और अमेरिका में ऑटोमोबाइल निर्माता पहले से ही फ्लैक्स फ्यूल इंजन बना रहे हैं ताकि लोगों के पास कच्चे तेल के ईंधन और बायो-इथेनॉल ईंधन दोनों के इस्तेमाल करने का विकल्प मिल सके।
इसके अलावा पिछले साल ही सरकार ने 2022 तक 10 फीसदी इथेनॉल ब्लेंडिंग और 2030 तक 20 फीसदी इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा था।
इसे बदलकर अब 2025 तक पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा गया है।
प्रयोग
वर्तमान में इतने प्रतिशत इथेनॉल का होता है प्रयोग
मौजूदा नियमों के अनुसार, पेट्रोल में 10 फीसदी तक इथेनॉल मिलाया जा सकता है।
हालांकि, कम आपूर्ति और परिवहन चुनौतियों की वजह से 10 प्रतिशत इथेनॉल मिला पेट्रोल केवल 15 राज्यों में उपलब्ध है, जबकि अन्य राज्यों में फ्लैक्स फ्यूल शून्य से पांच प्रतिशत के बीच है।
बता दें कि देश के कई शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर के पार जा चुकी है। ऐसे में फ्लैक्स-फ्यूल वाले इंजन के आने से पैसों की काफी बचत होगी।