क्या अब UPI पेमेंट्स के लिए करना होगा भुगतान? वित्त मंत्रालय ने दिया जवाब
बीते दिनों कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की मदद से भुगतान करने वालों को अतिरिक्त चार्ज देना होगा। हालांकि, अब इसपर केंद्र सरकार की ओर से सफाई दी गई है और जवाब आया है कि ऐसा कोई भी बदलाव नहीं किया जा रहा। वित्त मंत्रालय ने आधिकारिक अकाउंट्स से कई ट्वीट्स किए और बताया कि डिजिटल पेमेंट से जुड़ा यह प्लेटफॉर्म 'डिजिटल पब्लिक गुड' है और इसपर कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगाया जाएगा।
वित्त मंत्रालय ने कही डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की बात
ट्विटर थ्रेड में वित्त मंत्रालय ने लिखा कि UPI सेवाओं पर किसी तरह का अतिरिक्त चार्ज लगाने पर विचार नहीं किया जा रहा है क्योंकि UPI एक 'डिजिटल पब्लिक गुड' है। मंत्रालय ने यह भी बताया है कि कॉस्ट ऑफ रिकवरी की भरपाई करने के लिए सरकार देश के डिजिटल पेमेंट्स इकोसिस्टम को सपोर्ट किया जा रहा है और आर्थिक मदद दी जा रही है। डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए कई स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
मंत्रालय को इसलिए देनी पड़ी सफाई
सामने आया था कि मौजूदा पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर बरकरार रखने के लिए UPI लेनदेन पर अतिरिक्त चार्ज लगाने की जरूरत पड़ सकती है, जिसके बाद वित्त मंत्रालय की ओर से सफाई दी गई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से भी इस मामले में सुझाव मांगे गए हैं और यह जानकारी 17 अगस्त को रिलीज हुए डिस्कशन पेपर से मिली है। पेपर में UPI का जिक्र नहीं था, लेकिन IMPS, NEFT और RTGS सिस्टम्स से जुड़े मामले कवर किए गए थे।
सरकार को मौजूदा पॉलिसी में सुधार करने के सुझाव
सामने आए पेपर्स में सरकार को इसकी जीरो-MDR (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) पॉलिसी पर दोबारा विचार करने को कहा गया है। आपको बता दें, यह पॉलिसी रूपे और UPI लेनदेनों पर लागू नहीं होती। MDR के तौर पर डिजिटल पेमेंट्स के साथ अतिरिक्त फीस ली जाती है, वहीं सेवा प्रदाताओं का कहना है कि इसकी मदद से वे अपने सिस्टम्स बेहतर कर सकते हैं। हालांकि, सरकार की ओर से इसपर कोई जवाब नहीं दिया गया है।
PCI ने भी सरकार को दिए हैं सुझाव
भारत में डिजिटल पेमेंट्स इकोसिस्टम को मॉनीटर करने वाली इंडस्ट्री बॉडी पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) ने भी इस साल की शुरुआत में सरकार को सुझाव दिए थे। केंद्रीय बजट 2022 से पहले PCI ने कहा था कि UPI और रूपे डेबिट कार्ड्स के लिए जीरो-MDR रिजीम को रोलबैक किया जाना चाहिए। अभी वीजा और मास्टरकार्ड डेबिट कार्ड्स पर MDR (0.4 से 0.9 प्रतिशत) देना पड़ता है, जिसका भुगतान यूजर की ओर से किया जाता है।
सरकार इसलिए नहीं लगाना चाहती अतिरिक्त चार्ज
UPI को लेकर RBI के पेपर में फीडबैक मांगा गया और पूछा गया कि इसे वीजा और मास्टरकार्ड डेबिट से अलग रखने की वजह क्या है। सरकार ने जवाब में ट्वीट में बताया कि यह डिजिटल पेमेंट्स के उन तरीकों को बढ़ावा देती रहेगी, जो 'इकोनॉमिकल और यूजर-फ्रेंडली' हैं। बता दें, भारत में UPI सबसे ज्यादा लोकप्रिय डिजिटल पेमेंट्स के तरीकों में शामिल है और रोज लाखों भुगतान इसकी मदद से किए जाते हैं।