एपिक गेम्स से हारी गूगल, अदालत ने कहा- ऐप स्टोर बाजार में गूगल का अवैध एकाधिकार
करीब 3 साल फोर्टनाइट गेम बनाने वाली कंपनी एपिक गेम्स ने ऐपल और गूगल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। एपिक ने आरोप लगाया कि ये दोनों बड़ी कंपनियां अवैध तरीके से ऐप स्टोर्स पर अपना एकाधिकार जमाए बैठी हैं। अब इस मामले में फैसला आ गया है और गूगल के खिलाफ एपिक गेम को जीत मिली है। अदालत ने कहा कि गूगल ने गूगल प्ले ऐप स्टोर और गूगल प्ले बिलिंग सर्विस को अवैध एकाधिकार में बदल दिया।
फैसले में क्या कहा गया है?
द वर्ज के अनुसार, फैसले में कहा गया है कि एंड्रॉयड ऐप वितरण बाजार और इन-ऐप बिलिंग सर्विस बाजार में गूगल का एकाधिकार है। इसने इन बाजारों में प्रतिस्पर्धा-विरोधी चीजें की हैं, जिससे एपिक को नुकसान पहुंचा है। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए एपिक गेम्स ने कहा कि यह फैसला सभी ऐप डेवलपर्स और दुनियाभर के उपभोक्ताओं के लिए जीत है। यह दिखाता है कि गूगल ऐप स्टोर अपने एकाधिकार का गलत फायदा उठाता है।
फैसले को चुनौती देगी गूगल
दूसरी तरफ गूगल ने इस फैसले को चुनौती देने का निर्णय लिया है। कंपनी के पब्लिक पॉलिसी के उप प्रमुख विल्सन व्हाइट ने कहा कि इस फैसले को चुनौती दी जाएगी। ट्रायल से यह निकलकर आया है कि गूगल का मुकाबला ऐपल और इसके ऐप स्टोर और एंड्रॉयड डिवाइसेस पर बाकी ऐप स्टोर्स से है। बता दें कि एपिक के लिए यह जीत इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वह ऐपल के खिलाफ मुकदमा हार गई थी।
ऐपल के खिलाफ मुकदमे में क्या हुआ था?
लगभग 2 साल एपिक ऐपल के खिलाफ मुकदमा हार गई थी। तब अदालत ने कहा कि इस पूरी लड़ाई का ऐप्स से कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि, गूगल के खिलाफ मामले में कई अलग पेंच थे। इस मुकदमे में गूगल का स्मार्टफोन कंपनियों और गेम डेवलपर्स के बीच हुए गोपनीय राजस्व शेयरिंग का मामला फंस गया था। ऐसा माना जाता है कि अपने प्रतिद्वंद्वी ऐप स्टोर्स को असफल बनाने के लिए गूगल ने ऐसे समझौते किए थे।
अब आगे क्या होगा?
एपिक ने इस मुकदमे में आर्थिक नुकसान की भरपाई की मांग नहीं की थी। उसने अदालत को बताया कि हर ऐप डेवलपर्स के पार अपना ऐप स्टोर और इसका बिलिंग सिस्टम लाने की आजादी है। गौरतलब है कि इस मामले में फैसला आ गया है, लेकिन अभी तक मुआवजे पर निर्णय नहीं हुआ है। अब जनवरी के दूसरे हफ्ते में दोनों पक्ष अदालत में मिलेंगे, जहां इनके बीच संभावित मुआवजे का निर्णय किया जाएगा।