गूगल ने बैन की बिटकॉइन से जुड़ी 'खतरनाक' ऐप, फोन से फौरन कर दें डिलीट
गूगल ने प्ले स्टोर पर मौजूद एक क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी ऐप पर बैन लगाया है, जिसे हजारों यूजर्स ने डाउनलोड किया था। यह ऐप क्रिप्टोकरेंसी पाने का लालच दे रही थी, जबकि इसकी मदद से उन्हें नुकसान पहुंचाया जा रहा था। क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े फ्रॉड तेजी से बढ़े हैं और कई फेक ऐप्स गूगल प्ले स्टोर तक पहुंच गई हैं। प्लेटफॉर्म से हटने के बावजूद ये ऐप्स यूजर्स के डिवाइसेज में इंस्टॉल हैं, जहां से इन्हें मैन्युअली डिलीट करना होगा।
आम यूजर्स को फंसाने की कोशिश में हैकर्स
क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता बीते कुछ साल में बढ़ी है और भारत में इनसे जुड़ी चर्चा भी तेज हो गई है। इसका फायदा हैकर्स और स्कैमर्स भी उठा रहे हैं और यूजर्स को निशाना बनाकर फेक ऐप्स शेयर कर रहे हैं। इन क्रिप्टोकरेंसी ऐप्स के जरिए ऐडवेयर और मालवेयर लोगों के स्मार्टफोन्स तक पहुंचाए जा रहे हैं। गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद ऐसी ऐप्स का पता लगने के बाद उन्हें बैन कर दिया जाता है।
सिक्योरिटी रिसर्च फर्म ने दी जानकारी
सिक्योरिटी रिसर्च फर्म ट्रेंड माइक्रो ने एक मालिशियस बिटकॉइन से जुड़ी ऐप का पता लगाया है, जिसकी मदद से एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर्स को निशाना बनाया जा रहा था। फर्म ने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा कि प्ले स्टोर पर मौजूद 'डेली बिटकॉइन रिवॉर्ड्स - क्लाउड बेस्ड माइनिंग सिस्टम' नाम की ऐप क्रिप्टोकरेंसी क्लाउड माइनिंग ऐप्लिकेशन की शक्ल में मौजूद थी, जबकि इसका मकसद यूजर्स को फंसाना भर था। फर्म ने इस ऐप के बारे में गूगल को जानकारी दी।
अकाउंट खाली कर सकती थी ऐप
एनालिसिस के बाद रिसर्च फर्म ने पाया कि इस ऐप की मदद से यूजर्स को ढेर सारे ऐड दिखाए जा रहे थे। इसके अलावा उन्हें पेड सब्सक्रिप्शन सेवाएं लेने के लिए भी फंसाया जा रहा था, जिसके लिए उन्हें हर महीने औसत 15 डॉलर (करीब 1,103 रुपये) की रकम चुकानी होती है। यूजर्स क्रिप्टोकरेंसी पाने के लालच में यह निवेश कर देते हैं लेकिन बदले में उन्हें कुछ नहीं मिलता।
कई ऐप्स प्ले स्टोर पर अब भी मौजूद
ऐप फंक्शन की बात करें तो दावा किया गया था कि इसकी मदद से यूजर्स क्लाउड-माइनिंग ऑपरेशन में पैसे लगाकर क्रिप्टोकरेंसी कमा सकते हैं। चिंता की बात यह है कि ऐसी कई ऐप्स अब भी प्ले स्टोर पर मौजूद हैं। सिक्योरिटी रिसर्च फर्म ने चेतावनी दी है कि ऐसी कई ऐप्स अब भी प्ले स्टोर पर मौजूद हैं, जिनसे बचकर रहना जरूरी है। क्लाउड माइनिंग कीवर्ड वाली ऐसी कई ऐप्स को एक लाख से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है।
थर्ड-पार्टी स्टोर से डाउनलोड ना करें ऐप्स
असली जैसी दिखने वाली वेबसाइट्स की मदद से भी इंटरनेट यूजर्स को फेक ऐप्स का शिकार बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं, फेक ऐप स्टोर डाउनलोड पेज बनाए गए हैं, जिनपर कस्टमर रिव्यू और रेटिंग्स भी दिखाई गई हैं। ऐसी ऐप्स डाउनलोड होने के बाद मोबाइल वेब ऐप की तरह खुलती हैं और किसी फेक वेबसाइट के शॉर्टकट की तरह काम करती हैं। जरूरी है कि आप कोई भी ऐप थर्ड-पार्टी स्टोर से डाउनलोड ना करें।