पर्सनल डाटा चुरा सकती हैं फर्जी ऑक्सीमीटर ऐप्स, सरकार ने की डाउनलोड न करने की अपील
कोरोना संक्रमितों की सेहत पर नजर रखने के लिए उनके खून में ऑक्सीजन स्तर की जांच की जाती है। इसके लिए स्वास्थ्यकर्मी ऑक्सीमीटर नामक एक डिवाइस का सहारा लेते हैं। वहीं कुछ मोबाइल ऐप्स भी ऐसी हैं, जो दावा करती हैं कि वो ऑक्सीजन स्तर की जांच कर सकती हैं। अगर आपने भी ऐसी कोई ऐप डाउनलोड की है तो उसे तुरंत अनइंस्टॉल कर दें क्योंकि यह आपका डाटा चुरा सकती है। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
कोरोना के डर से तुरंत ऐप्स डाउनलोड कर रहे लोग
दरअसल, आजकल इंटरनेट पर कुछ ऐप्स उपलब्ध हैं, जो यह दावा करती है कि वो ऑक्सीजन स्तर का पता लगा सकती है। कोरोना संकट के कारण सावधानी बरत रहे लोग इन ऐप्स को तुरंत डाउनलोड कर ले रहे हैं। आपको बता दें कि इनमें से अधिकतर ऐप्स फर्जी होती हैं और आपको फोन में स्टोर जरूरी डाटा चुरा सकती है। पिछले सप्ताह सरकार ने भी लोगों से ऐसी ऐप्स को डाउनलोड न करने की अपील की थी।
ऑक्सीजन स्तर की जांच के लिए फिजिकल सेंसर जरूरी
ऐसी फर्जी ऐप्स के जरिये यूजर्स के फोन में मालवेयर आदि इंस्टॉल किए जा सकते हैं, जो डिवाइस को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अधिकतर बार हैकर्स ऐसी ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर के बाहर से डाउनलोड करने का झांसा देते हैं, जिससे खतरा और बढ़ जाता है। ऐसे में आपका सावधान रहना जरूरी है। यूजर्स को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए ऑक्सीजन स्तर की जांच के लिए डिवाइस में फिजिकल SpO2 ब्लड ऑक्सीजन सेंसर होना जरूरी है।
स्मार्टफोन में नहीं होता ऐसा कोई फिजिकल सेंसर
इसके अलावा कुछ ऐप्स हर्ट रेट बताने का भी दावा करती है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि हर्ट रेट मापने के लिए फिजिकल हर्टबीट सेंसर की जरूरत होती है। अभी तक बाजार में मौजूद किसी भी स्मार्टफोन्स में न तो SpO2 ब्लड ऑक्सीजन सेंसर होता है और न ही हर्टबीट सेंसर आता है। इसलिए ऐसे दावे करने वाली ऐप्स से दूर रहना ही बेहतर है क्योंकि ये आपका डाटा चुराने के लिए डिजाइन की गई होती हैं।
आरोग्य सेतु ऐप के नाम पर भी चला फर्जीवाड़ा
डाटा चोरी होने के खतरे को देखते हुए सरकार की तरफ से इन ऐप्स और वेबसाइट का इस्तेमाल न करने की सलाह दी गई है। गौतलब है कि कोरोना वायरस की शुरुआत के समय से अलग-अलग फर्जी ऐप्स, वेबसाइट या दूसरे तरीकों से यूजर्स को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है। मई में आरोग्य सेतु ऐप के नाम से भी फर्जीवाड़ा करने की कोशिश की खबरें सामने आई थी। इसे लेकर भी सरकार ने एडवायजरी जारी की थी।