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    आईफोन की बैटरी को खुद बदल सकेंगे यूजर्स, ऐपल को करना पड़ सकता है यह काम
    ऐपल को आईफोन की बैटरी में बदलाव करना पड़ सकता है (तस्वीर: ऐपल)

    आईफोन की बैटरी को खुद बदल सकेंगे यूजर्स, ऐपल को करना पड़ सकता है यह काम

    लेखन रजनीश
    Jun 20, 2023
    05:07 pm

    क्या है खबर?

    यूरोपीय संघ (EU) अपने 'राइट टू रिपेयर' प्रोग्राम को लेकर आगे बढ़ रहा है। EU की संसद ने इस योजना के समर्थन के पक्ष में भारी मतदान किया है।

    इसके बाद से ऐपल को आईफोन की बैटरी इस तरह से बनानी पड़ सकती है ताकि जरूरत पड़ने पर यूजर्स उसे खुद आसानी से बदल सकें।

    EU के अनुसार, बैटरी को अधिक टिकाऊ, लंबे समय तक चलने वाली और बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली बनाना है।

    बैटरी

    EU ने रखा कचरा संग्रह का कठोर लक्ष्य

    बैटरियों के बनने की प्रक्रिया में और बाद में जब वो किसी काम की नहीं रहती हैं, उस दौरान भी इनसे कार्बन उत्सर्जन होता है। इसके अलावा बैटरी को रिसाइकिल करना भी कठिन है।

    इन्हीं सब को आसान बनाने के लिए EU बैटरी से जुड़े कई नियम बदल रहा है।

    पोर्टेबल बैटरियों के लिए EU का "कठोर कचरा संग्रह लक्ष्य" भी है। इसके अलावा बैटरियों से निकलने वाली सामग्री में परिवर्तन का भी लक्ष्य है।

    कचरा

    कचरा संग्रह के लिए तय किया ये लक्ष्य

    पोर्टेबल बैटरी के लिए EU के कड़े कचरा संग्रह लक्ष्य के तहत 2023 तक 45 प्रतिशत, 2027 तक 63 प्रतिशत और 2030 तक 73 प्रतिशत कचरा संग्रह का लक्ष्य रखा गया है।

    बेकार हुई बैटरियों से प्राप्त सामग्रियों का स्तर भी तय किया गया है। वर्ष 2027 तक 50 प्रतिशत और 2031 तक 80 प्रतिशत लीथियम के साथ कोबाल्ट, तांबा, लेड, निकल आदि के लिए 2027 तक 90 प्रतिशत और 2031 तक 95 प्रतिशत सामग्री इकट्ठा करने का लक्ष्य है।

    रिसाइकिल

    रिसाइकिल सामग्री के लिए न्यूनतम लक्ष्य

    नियम लागू होने के 8 साल बाद नई बैटरियों के लिए रिसाइकिल सामग्री का न्यूनतम स्तर कोबाल्ट के लिए 16 प्रतिशत, लेड के लिए 85 प्रतिशत, लीथियम के लिए 6 प्रतिशत और निकल के लिए 6 प्रतिशत तय किया गया है।

    नियम लागू होने के 13 साल बाद कोबाल्ट के लिए 26 प्रतिशत, लेड के लिए 85 प्रतिशत, लिथियम के लिए 12 प्रतिशत और निकल के लिए 15 प्रतिशत रिसाइकिल सामग्री का लक्ष्य रखा गया है।

    बैटरी

    EV बैटरी के लिए भी लागू होगा नियम

    नियम लागू होने के बाद उपभोक्ताओं को बेहतर जानकारी देने के लिए बैटरियों में उनकी क्षमता, परफॉर्मेंस और ड्यूरेबिलिटी आदि की जानकारी के साथ-साथ QR कोड होंगे।

    2 किलोवॉट से अधिक क्षमता वाली LMT बैटरी, इंडस्ट्रियल बैटरी और EV बैटरी के लिए 'डिजिटल बैटरी पासपोर्ट' की जरूरत होगी। इसमें बैटरी मॉडल की डिटेल के साथ-साथ उसके उपयोग से जुड़ी जानकारी भी शामिल होगी।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि EU के ये नए नियम 2027 से पहले लागू नहीं होंगे।

    नियम

    नियम लागू होने के बाद कंपनियों को करना होगा नियमों का पालन

    EU का नियम के लागू होने के बाद यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में फोन बेचने वाली सभी कंपनियों को नियमों का पालन करना होगा।

    बीते दिनों सैमसंग को लेकर भी एक रिपोर्ट आई है, जिसमें कंपनी अब अपने सेल्फ-रिपेयर प्रोग्राम को ब्रिटेन और यूरोपीय संघ में बढ़ा रही है।

    अमेरिका में तो ऐपल और सैमसंग ने पहले ही सेल्फ रिपेयर प्रोग्राम लॉन्च किया है। इसके तहत ग्राहकों को खुद से रिपेयर करने का अधिकार होता है।

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