इंग्लैंड: मधुमेह पीड़ितों को दिए जाएंगे कृत्रिम अग्नयाशय, होगा यह फायदा
क्या है खबर?
इंग्लैंड में टाइप 1 मधुमेह से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जाएगा। दरअसल, इन लोगों को आर्टिफिशियल पैंक्रियाज (कृत्रिम अग्नयाशय) लगाया जाएगा।
इसमें त्वचा के नीचे एक सिस्टम लगाया जाता है, जो ग्लूकोज सेंसर की मदद से यह पता लगाता है कि किसी व्यक्ति को कितनी मात्रा में इंसुलिन की जरूरत है और फिर पंप के जरिये यह मात्रा उसे दे देता है।
इसी महीने इसका वितरण शुरू हो जाएगा।
ट्रायल
ट्रायल में मिले सकारात्मक नतीजे
इस टेक्नोलॉजी को हाइब्रिड क्लोज्ड लूप सिस्टम के नााम से जाना जा रहा है और ट्रायल के दौरान इसने सकारात्मक नतीजे दिए थे।
पिछले साल के आखिर में इसे इस्तेमाल की सिफारिश कर दी गई थी। इस टेक्नोलॉजी की मदद से वो अपने खून में शर्करा की मात्रा पर नजर रख सकेंगे और साथ ही यह उनके रक्त शर्करा पर नियंत्रण में मदद देगी।
बता दें कि मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति की जान जाने का भी खतरा रहता है।
परेशानी
इंग्लैंड में 3 लाख लोगों को यह बीमारी
इंग्लैड में 29,000 बच्चों समेत लगभग 3 लाख लोग टाइप 1 मधुमेह से पीड़ित हैं। यानी उनका अग्नयाशय इंसुलिन पैदा नहीं कर पाता, जो खाने को ऊर्जा में बदलने के लिए जरूरी होता है।
इससे बचाव के लिए उन्हें रक्त शर्करा के स्तर पर नजर रखनी होती है और जरूरत पड़ने पर इंजेक्शन या पंप के जरिये इंसुलिन लेनी पड़ती है। नई टेक्नोलॉजी से यह काम अपने आप हो जाएगा और उनका जीवन भी आसान होगा।