डीपसीक का AI मॉडल चीन में स्टोर करता है डाटा, गोपनीयता को लेकर उठा सवाल
क्या है खबर?
डीपसीक एक चीनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कंपनी है, जिसने कम समय में बहुत लोकप्रियता हासिल कर ली है। इसकी तकनीक और मुफ्त चैटबॉट ऐप ने दुनियाभर में धूम मचा दी है।
हालांकि, इसके डाटा स्टोरेज को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। डीपसीक का डीपसीक-R1 AI मॉडल यूजर्स का डाटा चीन में स्टोर करता है, जिससे गोपनीयता और डाटा सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।
लोग इस बात से चिंतित हैं कि उनका निजी डाटा कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है।
काम
डीपसीक प्लेटफॉर्म कैसे करता है काम?
यह प्लेटफॉर्म सवालों के जवाब देने और बातचीत करने के लिए बनाया गया है। इसका मॉडल यूजर्स के बातचीत डाटा, सर्च हिस्ट्री और अन्य जानकारी का उपयोग करता है।
ऐप iOS, एंड्रॉयड और वेब पर उपलब्ध है, जिससे इसे इस्तेमाल करना आसान हो जाता है। यह AI तकनीक का इस्तेमाल कर जानकारी तेजी से प्रदान करता है।
हालांकि, यह डिवाइस की जानकारी और अन्य डाटा भी इकट्ठा करता है, जिससे इसे विवादों का सामना करना पड़ रहा है।
चिंता
डाटा से जुड़ी चिंताएं
डीपसीक यूजर्स की बातचीत, फोन नंबर, IP एड्रेस, डिवाइस इंफॉर्मेशन और ईमेल जैसे निजी डाटा को भी स्टोर करता है।
इसका अधिकांश डाटा चीन में स्टोर होता है, जहां सख्त साइबर सुरक्षा कानून लागू हैं। इन कानूनों के चलते कंपनियों को सरकार की मदद करनी पड़ सकती है, जिससे डाटा की सुरक्षा पर संदेह है।
हालांकि, ऐप में चैट हिस्ट्री डिलीट करने का विकल्प है, फिर भी डाटा स्टोर के दायरे और इसके उपयोग पर सवाल उठते हैं।
विवाद
वैश्विक प्रभाव और विवाद
डीपसीक ने अमेरिकी AI कंपनियों को चुनौती दी है, क्योंकि यह कम खर्च में प्रभावी तकनीक प्रदान करता है। इन सभी चीजों के बावजूद इसके डाटा सुरक्षा और सेंसरशिप को लेकर विवाद हो रहे हैं।
कई लोग इसे संवेदनशील विषयों को छिपाने और चीनी सरकार का प्रचार बढ़ाने का साधन मानते हैं। इन विवादों के बीच भी इसकी तेजी से बढ़ती लोकप्रियता ने इसे AI क्षेत्र में प्रमुख स्थान पर ला दिया है।