AI का उपयोग बढ़ने से वैश्विक बैंक 2 लाख नौकरियों में कर सकते हैं कटौती
क्या है खबर?
सिटीग्रुप, जेपी मॉर्गन और गोल्डमैन सैक्स जैसे वॉल स्ट्रीट के बड़े बैंक अगले 3-5 सालों में 2 लाख नौकरियों में कटौती कर सकते हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बढ़ता उपयोग इसका प्रमुख कारण है, जो बैक-ऑफिस और मिडिल-ऑफिस कार्यों को ऑटोमैटिक कर रही है।
AI का उद्देश्य केवल लागत कम करना नहीं, बल्कि मुनाफा और उत्पादकता बढ़ाना भी है। ग्राहक सेवा और KYC जैसी नियमित भूमिकाएं सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी, क्योंकि इन कार्यों को अब AI संभालने में सक्षम है।
प्रभाव
ग्राहक सेवा में AI का बढ़ता प्रभाव
ग्राहक सेवा में AI का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। बॉट्स अब क्लाइंट से जुड़े काम कर रहे हैं, जिससे मानव श्रमिकों की जरूरत घट रही है।
हालांकि, उच्च स्तर की कौशल वाली नौकरियों पर इसका प्रभाव कम होगा।
ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के अनुसार, AI उपकरण संचालन को तेज और सरल बनाएंगे। यह बदलाव पूरी तरह से नौकरियां खत्म नहीं करेगा, बल्कि कार्यबल में बड़ा बदलाव लाएगा। बैंकिंग कार्यबल को नई तकनीकों के साथ काम करने की आदत डालनी होगी।
उम्मीद
AI से बैंकों को मुनाफा बढ़ने की उम्मीद
नौकरियां कम होंगी, लेकिन AI के इस्तेमाल से बैंकों के मुनाफे में इजाफा होगा।
रिपोर्ट्स के अनुसार, AI 2027 तक बैंक के मुनाफे को 12-17 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है, जिससे उद्योग को लगभग 15,000 अरब रुपये का लाभ होगा।
अधिकांश विशेषज्ञ मानते हैं कि AI से उत्पादकता और राजस्व में 5 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है। इस बदलाव से बैंकिंग सेक्टर अधिक कुशल बनेगा, लेकिन काम के भविष्य को लेकर चिंताएं भी बढ़ेंगी।
संभावनाएं
बदलते समय के साथ नई संभावनाएं
AI पारंपरिक बैंकिंग भूमिकाओं को कम करेगा, लेकिन यह नई संभावनाएं भी खोलेगा।
जेपी मॉर्गन के जेमी डिमन जैसे उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि AI श्रमिकों की भूमिकाओं को सरल और प्रभावी बनाएगा। यह बदलाव कार्य-जीवन संतुलन को बेहतर कर सकता है।
हालांकि, कुछ पद खत्म होंगे, लेकिन यह बदलाव बैंकिंग उद्योग को नई तकनीकी वास्तविकताओं के लिए तैयार करेगा। इससे साफ है कि भविष्य में बैंकिंग क्षेत्र का स्वरूप AI के माध्यम से ही तय होगा।