
वित्त वर्ष 2024 में 4 गुना बढ़ी साइबर धोखाधड़ी, जानिए कितनी रकम हुई पार
क्या है खबर?
देश में वित्त वर्ष 2024 में साइबर धोखाधड़ी के मामलों 4 गुना से अधिक की बढ़ोतरी हुई है।
इस ऑनलाइन फ्रॉड से लोगों को 1.77 अरब रुपये की चपत लगी है। यह राशि वित्त वर्ष 2023 की तुलना में दोगुना से भी अधिक है।
वित्त मंत्रालय की ओर सोमवार को संसद में प्रस्तुत आंकड़ों में यह खुलासा किया गया है। यह रोजाना करोड़ों रुपये का डिजिटल लेनदेन करने वाले देश में बढ़ते जोखिमों को दर्शाता है।
मामले
1 साल में कितने बढ़े मामले?
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, जिन धोखाधड़ी के मामलों में राशि 1 लाख रुपये या उससे अधिक थी, उनकी कुल संख्या एक साल पूर्व के 6,699 से बढ़कर 29,082 हो गई।
संसद में एक प्रश्न के उत्तर में मंत्रालय ने कहा, "देश में डिजिटल भुगतान लेनदेन बढ़ने के साथ ही डिजिटल भुगतान धोखाधड़ी की घटनाएं भी पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी हैं।"
मंत्रालय ने कहा कि लोगों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करने के कदम उठा रही है।
कारण
इस कारण बढ़े धोखाधड़ी के मामले
देश में किफायती डाटा पैक ने इंटरनेट की पहुंच बढ़ा दी है और पेटीएम, गूगलपे और फोनपे जैसे प्लेटफाॅर्म ने 1,000 अरब डॉलर (करीब 87,000 अरब रुपये) का मोबाइल भुगतान बाजार तैयार कर दिया है।
इसके विपरीत साइबर साक्षरता पिछड़ गई, जिससे लोग धोखाधड़ी के प्रति कमजोर हो गए हैं।
इससे साइबर अपराधी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके ऑनलाइन या टेक्स्ट मैसेजिंग और मोबाइल फोन कॉल के साथ कई तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं।
कार्रवाई
रोकथाम के क्या किए जा रहे हैं प्रयास?
साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं के कारण भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) जैसे प्राधिकारियों ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
इसने स्पैम कॉल करने वालों को ब्लैक लिस्ट में डालने का आदेश दिया गया है।
साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए जाने के संदेह वाले खातों को फ्रीज करने की अनुमति देने का प्रस्ताव दिया है।
बैंकों ने जागरूकता बढ़ाने के लिए बॉलीवुड सितारों और मशहूर हस्तियों को शामिल किया है।