रकून मालवेयर से रहें सावधान! चोरी कर सकता है आपका डाटा और पासवर्ड्स

इंटरनेट यूजर्स पर आए दिन मालवेयर से जुड़ा खतरा मंडराता रहता है और अटैकर्स उनका डाटा चोरी करने की फिराक में रहते हैं। एक बार फिर रकून मालवेयर से जुड़ी रिपोर्ट्स आ रही हैं, जिसका अपग्रेडेड वर्जन यूजर्स की पर्सनल जानकारी और पासवर्ड्स चोरी करने के लिए तैयार किया गया है। बता दें, रकून मालवेयर साल 2021 में साइबर अपराधियों की ओर से इस्तेमाल किए गए सबसे ज्यादा सक्रिय इन्फॉर्मेशन स्टीलर्स में से एक था।
सुरक्षा रिसर्चर्स ने बताया है कि रकून मालवेयर तीन वजहों से ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों के बीच लोकप्रिय है। सबसे पहले तो डाटा या पासवर्ड्स चोरी की क्षमता के मामले में यह दमदार है। दूसरी बात कस्टमाइजेशन से जुड़ी है और इसे ढेरों हैकिंग टूल्स का हिस्सा बनाया जा सकता है। वहीं, तीसरी वजह यह है कि इस मालवेयर को इस्तेमाल करना बेहद आसान है और इसे फेक इंस्टॉलर्स या फिर क्रैक्ड सॉफ्टवेयर की मदद से फैलाया जा सकता है।
सिकोइया के सुरक्षा एनालिस्ट्स ने बताया था कि रकून स्टीलर के ऑपरेशंस मार्च, 2022 में बंद कर दिए गए थे। हालांकि, अब रकून स्टीलर 2.0 की वापसी हुई है और इसे हैकिंग फोरम्स पर प्रमोट किया जा रहा है। रिपोर्ट की मानें तो नए फंक्शंस वाला रकून का अपग्रेडेड वर्जन C और C++ कंप्यूटर लैंग्वेजेस की मदद से तैयार किया गया है, जिससे जुड़े शुरुआती सैंपल्स पिछले महीने सामने आए हैं।
नया रकून स्टीलर 2.0 मालवेयर अपने टारगेट डिवाइस से लगभग हर तरह की जानकारी चुराने की क्षमता रखता है। PC या लैपटॉप में यह सभी पासवर्ड्स, कुकीज, ऑटोफिल डाटा और ब्राउजर में सेव क्रेडिट कार्ड डाटा की चोरी कर सकता है। कंप्यूटर की सभी डिस्क्स में सेव की गईं इंडिविजुअल फाइल्स भी इसकी पहुंच से नहीं बच पातीं। यह स्क्रीनशॉट्स कैप्चर करने और सिस्टम में इंस्टॉल्ड ऐप्स की लिस्ट अटैकर को भेजने जैसे काम कर सकता है।
अगर आप क्रिप्टोकरेंसी इस्तेमाल करने वालों में से हैं, तो रकून स्टीलर आपके क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट्स में भी सेंध लगा सकता है। यह मालवेयर क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट्स के अलावा मेटामास्क, ट्रॉनलिंक, बाइनांसचेन, रोनिन, एक्सोडस, एटॉमिक, जैक्सलिबर्टी, कोइनोमी, इलेक्ट्रम, इलेक्ट्रम-LTC और इलेक्ट्रॉनकैश जैसे वेब ब्राउजर एक्सटेंशंस की मदद से भी चोरी करने में सक्षम है। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि इस मालवेयर का इस्तेमाल बढ़ने वाला है, क्योंकि हर बार डाटा भेजने के साथ यह नया आइटम इकट्ठा करता है।
अगर खुद को रकून स्टीलर 2.0 और ऐसे दूसरे खतरों से बचाना है, तो फाइल्स डाउनलोड करते वक्त सतर्क रहना जरूरी है। अनजान लिंक्स पर क्लिक करने और क्रैक्ड सॉफ्टवेयर के लालच में असुरक्षित सोर्स से ऐप्स इंस्टॉल करने से बचना चाहिए। ईमेल में आने वाली अटैचमेंट्स फाइल्स डाउनलोड करते वक्त भी सतर्क रहें। सिस्टम में एंटीवायरस और एंटी-मालवेयर टूल्स इंस्टॉल होना जरूरी है। आप चाहें तो ऑटोमैटिक स्कैन का विकल्प भी इनेबल कर सकते हैं।
विंडोज यूजर्स को रैंसमवेयर, मालवेयर और वायरस जैसे खतरों से बचाने के लिए सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की ओर से माइक्रोसॉफ्ट डिफेंडर ऐप लॉन्च की गई है। नई सेवा का फायदा माइक्रोसॉफ्ट 365 का सब्सक्रिप्शन लेने वालों को ही मिलेगा।