
पाकिस्तान की परमाणु हथियार क्षमता कितनी है और किसके पास है इनके इस्तेमाल की शक्ति?
क्या है खबर?
पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मॉर्शल असीम मुनीर ने एक बार फिर परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दी है। उन्होंने अमेरिका में आयोजित एक रात्रिभोज के दौरान कहा कि अगर पाकिस्तान के अस्तित्व को भारत से कोई भी खतरा हुआ तो वे आधी दुनिया को अपने साथ ले जाएंगे। यह पहली बार है जब अमेरिकी धरती से किसी तीसरे देश के लिए धमकी दी गई हो। ऐसे में आइए जानते हैं पाकिस्तान की परमाणु हथियार क्षमता कितनी है।
धमकी
मुनीर ने क्या दी धमकी?
मुनीर ने फ्लोरिडा के टाम्पा में पाकिस्तान के मानद वाणिज्यदूत और व्यवसायी अदनान असद द्वारा आयोजित रात्रिभोज में कहा, "हम एक परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं। अगर हमारे अस्तित्व को खतरा हुआ, तो हम अपने साथ आधी दुनिया अपने साथ ले जाएंगे।" उन्होंने भारत की ओर से सिंधु जल संधि के स्थगित किए जाने पर कहा, "हम भारत द्वारा बांध बनाने का इंतजार करेंगे और फिर 10 मिसाइलों से उसे नष्ट कर देंगे। सिंधु नदी भारतीयों की पारिवारिक संपत्ति नहीं है।"
कारण
मुनीर अमेरिका क्यों गए?
मुनीर अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के निवर्तमान कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला के सेवानिवृत्त समारोह और CENTCOM प्रमुख का पदभार संभालने वाले एडमिरल ब्रैड कूपर के कमान परिवर्तन समारोह में शामिल होने के लिए अमेरिका पहुंचे थे। मुनीर ने कुरिल्ला के नेतृत्व और अमेरिका-पाकिस्तान सैन्य संबंधों में उनके योगदान की प्रशंसा की और कूपर को साझा सुरक्षा मुद्दों से निपटने में सफलता मिलने की भी कामना की। यह यात्रा जून में मुनीर की अमेरिका यात्रा के बाद हुई है।
हथियार
पाकिस्तान की परमाणु हथियार क्षमता कितनी है?
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के अनुसार, पाकिस्तान एक प्रमुख परमाणु संपन्न देश है। उसके पास वर्तमान में अनुमानित 170 परमाणु हथियार हैं। इसकी तुलना में, जनवरी 2025 तक भारत के पास 180 परमाणु हथियार हैं। हालांकि, बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स ने 2023 में उल्लेख किया था कि पाकिस्तान के पास परमाणु शस्त्रागार को बढ़ाने की क्षमता है। उसके पास कई नई वितरण प्रणालियां, 4 प्लूटोनियम उत्पादन रिएक्टर और विस्तारित यूरेनियम संवर्धन बुनियादी ढांचा है।
बयान
भूमि-आधारित मिसाइल सेनाओं में है परमाणु शस्त्रागार का बड़ा हिस्सा
अमेरिका की अल्बानी यूनिवर्सिटी में सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ क्रिस्टोफर क्लैरी ने कहा है कि पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार का बड़ा हिस्सा उसकी भूमि-आधारित मिसाइल सेनाओं में निहीत है। हालांकि, वह भूमि, वायु और समुद्र से हथियार ले जाने में सक्षम परमाणु त्रिकोण विकसित कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को विकसित करने के लिए साल 2023 में 1 अरब डॉलर (लगभग 8,700 करोड़ रुपये) खर्च किए हैं।
खतरा
पाकिस्तान की परमाणु क्षमता से भारत को कितना खतरा है?
सामरिक एवं अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन केंद्र के अनुसार, पाकिस्तान के शस्त्रागार में मुख्य रूप से मोबाइल छोटी और मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जिनकी मारक क्षमता भारत को निशाना बनाने के लिए पर्याप्त है। हाल के वर्षों में पाकिस्तान को अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों में चीन से महत्वपूर्ण तकनीकी मदद मिली है। पाकिस्तान के परमाणु हथियार दुनिया भर के लिए चिंता का विषय हैं, क्योंकि उसने अपनी आधिकारिक परमाणु नीति घोषित नहीं की है।
प्रभारी
पाकिस्तान में किसके पास है परमाणु हथियार के इस्तेमाल की शक्ति?
मुनीर की धमकी ने पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार पर नियंत्रण को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। वैसे तो पाकिस्तान में परमाणु हथियारों का नियंत्रण राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित शीर्ष नेतृत्व के पास है, जिसकी निगरानी परमाणु कमान और नियंत्रण प्रणाली (NCCS) द्वारा की जाती है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री संयुक्त रूप से परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का अंतिम निर्णय लेते हैं। इन हथियारों की सुरक्षा और प्रक्षेपण के लिए जिम्मेदार सेना की इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भागीदारी होती है।
नियंत्रण
NCA के पास है पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार का नियंत्रण
रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान के शस्त्रागार का नियंत्रण राष्ट्रीय कमान प्राधिकरण (NCA) के पास है, जिसके आधिकारिक अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं। इसका गठन साल 2000 में किया गया था। यह सभी परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों की देखरेख करता है। हालांकि, इस समिति का गठन नागरिक सरकार को पर्याप्त अधिकार प्रदान करता है, लेकिन व्यवहार, युद्धकाल या सैन्य संकट के दौरान परमाणु निर्णय लेने में सेना का ही दबदबा रहता है। ऐसे में मुनीर के बयान के बड़े मायने हो सकते हैं।