चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से पहले टेस्ट जारी, श्रीहरिकोटा में खुदाई और निर्माण कार्यों पर लगी रोक
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने बहुप्रतिक्षित अभियान चंद्रयान-3 को लॉन्च करने की तैयारी में जुटा हुआ है।
अगर सब कुछ ठीक रहता है तो इसे 14 जुलाई को दोपहर में तमिलनाडु के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा।
लॉन्चिंग की पास आती तारीख को देखते हुए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के आसपास 14 जुलाई तक खुदाई और निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। यह रोक रविवार से लागू हुई है।
कारण
क्यों रोकी गईं खुदाई और निर्माण गतिविधियां?
इन गतिविधियों को इसलिए रोका गया है ताकि ISRO की संचार लाइनें सुरक्षित रहें और उनमें लॉन्चिंग से पहले टेस्ट के दौरान किसी तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े।
दरअसल, खुदाई और निर्माण कार्यों के दौरान ऑप्टिकल फाइबर और दूसरी संचार लाइनों को नुकसान पहुंचने की आशंका रहती है।
इसलिए इस तरह की किसी भी परेशानी से बचने के लिए सतीश धवन स्पेस सेंटर के आसपास 9 से 14 जुलाई तक इन गतिविधियों को प्रतिबंधित किया गया है।
आदेश
आदेश में क्या कहा गया है?
ISRO की टेलीकम्युनिकेशन शाखा की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के सिलसिले में बिना किसी बाधा के स्थिर संचार अनिवार्य हो गया है और अभी टेस्ट किए जा रहे हैं।
इसमें आगे कहा गया है कि रॉकेट लॉन्च की सफलता के लिए जरूरी है कि सड़क चौड़ीकरण, सड़क मरम्मत और दूसरी खुदाई गतिविधियों के कारण 9-14 जुलाई तक ऑप्टिकल फाइबर केबल को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे।
जानकारी
BSNL करवाती है ISRO को संचार सेवाएं उपलब्ध
ISRO के सभी स्पेस सेंटर को जोड़ने वाली संचार लाइनों की देखरेख का काम भारतीय संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के हवाले है। ये लाइनें श्रीहरिकोटा के आसपास से गुजरने वाले प्रमुख मार्गों के नीचे से आती हैं।
चंद्रयान-3
14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे हो सकती है लॉन्चिंग
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के लिए 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे का समय तय किया गया है।
पहले इसे 13 जुलाई को लॉन्च किया जाना था, लेकिन बाद में लॉन्चिंग को एक दिन आगे बढ़ा दिया गया।
इसकी लॉन्चिंग GSLV मार्क 3 के जरिये श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से होगी।
चंद्रयान और चंद्रयान-2 के बाद अब देश का यह तीसरा चांद मिशन है, जिस पर देश समेत दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं।
लक्ष्य
ये हैं चंद्रयान-3 के लक्ष्य
ISRO ने 2019 में चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया था, लेकिन चांद की सतह पर इसका लैंडर क्रैश लैंडिंग के कारण नष्ट हो गया था। इस वजह से इस मिशन को पूरी तरह सफल नहीं माना गया।
इसलिए चंद्रयान-2 के लिए तय किए गए लक्ष्यों को चंद्रयान-3 से हासिल किया जाएगा।
चंद्रयान-3 मिशन के लिए 3 मुख्य लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, जिनमें चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग, चांद की सतह पर घूमना और वहां वैज्ञानिक प्रयोग करना है।