एयरटेल 5G ट्रायल नेटवर्क मुंबई में हुआ लाइव, मिली 1Gbps से भी ज्यादा डाउनलोड स्पीड
क्या है खबर?
एयरटेल ने अपने 5G नेटवर्क के टेस्ट ट्रायल्स बीते दिनों गुरुग्राम में शुरू किए थे और अब मुंबई के लोअर परेल एरिया में ट्रायल्स किए जा रहे हैं।
मुंबई में 5G नेटवर्क ट्रायल भारती एयरटेल ने नोकिया के 5G गियर के साथ फीनिक्स मॉडल में शुरू किए।
सामने आया है कि यूजर्स को 5G टेस्ट ट्रायल्स के दौरान 1.2Gbps की स्पीड अल्ट्रा-लो लेटेंसी के साथ मिली।
नए नेटवर्क ट्रायल के दौरान एयरटेल ने 850Mbps तक की अपलोड स्पीड दी।
ट्रायल
जल्द कोलकाता में भी होगा ट्रायल
ET टेलिकॉम ने इस बारे में जानकारी दी और बताया कि जल्द एयरटेल ऐसे ही ट्रायल कोलकाता में भी करने वाली है।
इससे पहले जनवरी में एयरटेल भारत में सबसे पहले सफलतापूर्वक 5G सर्विस की टेस्टिंग करने वाली कंपनी बनी थी।
कंपनी ने NSA (नॉन-स्टैंड अलोन) नेटवर्क टेक्नोलॉजी के साथ 1800MHz बैंड पर हैदराबाद में एक कॉमर्शियल नेटवर्क पर यह टेस्ट किया था।
एयरटेल गुरुग्राम के साइबर हब एरिया में भी इससे पहले 5G ट्रायल शुरू कर चुकी है।
स्पेक्ट्रम
इन शहरों में ट्रायल की अनुमति मिली
डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशंस (DoT) की ओर से एयरटेल को मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु और दिल्ली में ट्रायल्स के लिए स्पेक्ट्रम दिए गए हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि एयरटेल को 5G ट्रायल स्पेक्ट्रम 3500 MHz, 28 GHz और 700 MHz दिए गए हैं।
रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया (Vi) को 700 MHz, 3.5 GHz और 26 GHz बैंड्स में स्पेक्ट्रम दिए गए हैं।
ऐप्लिकेंट टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स में एयरटेल, रिलायंस जियो, Vi और MTNL शामिल हैं।
टक्कर
5G की होड़ में आगे चल रही एयरटेल
भारत में 4G टेक्नोलॉजी लाने वाली रिलायंस जियो ने तेजी से बड़े मार्केट शेयर पर कब्जा कर लिया था और अब एयरटेल उसे कड़ी टक्कर दे रही है।
माना जा रहा है कि 5G टेक्नोलॉजी को लेकर भी रिलायंस जियो और एयरटेल के बीच खींचतान देखने को मिलेगी।
फिलहाल जियो से पहले 5G की टेस्टिंग करना एयरटेल के लिए शुरुआती बढ़त हो सकती है क्योंकि इंटरनेट स्पीड के मामले में यूजर्स जियो के मुकाबले एयरटेल पर भरोसा कर रहे हैं।
साझेदारी
क्वालकॉम के साथ की पार्टनरशिप
5G नेटवर्क के लिए टेलिकॉम ऑपरेटर कंपनी एयरटेल ने स्मार्टफोन चिप मेकर क्वालकॉम के साथ पार्टनरशिप की है।
क्वालकॉम के साथ पार्टनरशिप के बाद दोनों कंपनियां 5G के मल्टिपल यूज केसेज पर काम करेंगी।
इसमें घरों और बिजनेसेज को बेहतर ब्रॉडबैंक कनेक्टिविटी देने के लिए 5G फिक्स्ड वायरलेस ऐक्सेस (FWA) तैयार करना भी शामिल है।
क्वालकॉम और एयरटेल एकसाथ ऐसी 'कॉस्ट-इफेक्टिव' ब्रॉडबैंड सेवाओं पर काम करेंगी, जिनकी मदद से भारत के सुदूर क्षेत्रों तक इंटरनेट पहुंचाया जा सके।
शर्त
चाइनीज उपकरणों के इस्तेमाल की अनुमति नहीं
अलग-अलग टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स ने 5G टेक्नोलॉजी से जुड़े उपकरणों के लिए अलग-अलग कंपनियों के साथ पार्टनरशिप की है।
हालांकि, सरकार की ओर से साफ निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी टेलिकॉम कंपनी चाइनीज ब्रैंड से जुड़े उपकरणों का इस्तेमाल कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी में नहीं करेगी।
ऐसे में कंपनियों के पास एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और C-DOT जैसे विकल्प बचते हैं।
रिलायंस जियो नई 5G टेक्नोलॉजी के लिए खुद के उपकरणों का इस्तेमाल करने वाली है।