YSRTP प्रमुख ने तेलंगाना को बताया भारत का अफगानिस्तान, कहा- KCR है इसका तालिबान
तेलंगाना में युवजन श्रमिक रायथु तेलंगाना पार्टी (YSRTP) की प्रमुख वाईएस शर्मिला ने राज्य की भारत राष्ट्र समिति (BRS) सरकार और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की तुलना तानाशाह से करते हुए कहा कि तेलंगाना भारत का अफगानिस्तान है और केसीआर उसका तालिबान है। हालांकि, उनके इस बयान के कुछ देर बाद ही उन्हें एक विधायक के खिलाफ अपमानजनकर टिप्पणी के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।
YSRTP प्रमुख ने क्या दिया बयान?
YSRTP प्रमुख शर्मिला ने महबूबाबाद में मीडिया से कहा, "वह (तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव) एक तानाशाह हैं, वह अत्याचारी हैं, तेलंगाना में कोई भारतीय संविधान नहीं है, केवल केसीआर का संविधान है। तेलंगाना भारत का अफगानिस्तान है और केसीआर इसका तालिबान है।" उनके इस बयान की खासी चर्चा हो रही है। बता दें कि YSRTP पिछले काफी समय से लगातार सत्ताधारी पार्टी और मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानबाजी कर रही है।
महबूबाबाद के विधायक के खिलाफ दिया अपमानजनक बयान
YSRTP प्रमुख शर्मिला ने शनिवार को महबूबाबाद विधायक और BRS नेता शंकर नाइक के खिलाफ भी अपमानजनक बयान दिया था। उन्होंने एक जनसभा में कहा था, "आपने लोगों से जो वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया गया है। आप अपने वादे पूरे नहीं कर रहे हैं। इसका मतलब है कि आप कोज्जा यानी नपुंसक हैं।" इसको लेकर BRS समर्थकों ने जिले में धरना दिया था और "शर्मिला वापस जाओ" के नारे लगाकर विरोध जताया था।
पुलिस ने YSRTP प्रमुख को गिरफ्तार किया
BRS समर्थकों के विरोध को देखते हुए पुलिस ने रविवार को YSRTP प्रमुख शर्मिला को गिरफ्तार कर लिया और शहर में किसी भी तरह की कानून व्यवस्था को बिगड़ने से रोकने के लिए उन्हें हैदराबाद ले गई। इस मामले में पुलिस ने उनके खिलाफ खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 504 (जानबूझकर अपमान करने के इरादे से शांति भंग करने के इरादे से बयान) और SC-ST POA अधिनियम की धारा 3 (1) के तहत मामला दर्ज किया है।
YSRTP प्रमुख पिछले सप्ताह भी लगाए थे आरोप
YSRTP प्रमुख शर्मिला ने पिछले रविवार को भी आरोप लगाते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री राव ने राज्य को गहरे और संभावित विनाशकारी बिजली संकट में धकेल दिया है। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री तेलंगाना को बिजली-अधिशेष राज्य बताकर गुमराह किया है, जबकि हकीकत यह है कि राज्य सरकार के कुप्रबंधन और अदूरदर्शी विचारों के कारण डिस्कॉम अब कर्ज में डूबे हुए हैं। बकाया ऋण 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।