भारत से हथियार लेकर इजरायल जा रहे जहाज को स्पेन ने नहीं दी रुकने की अनुमति
क्या है खबर?
भारत ने इजरायल को हथियार भेजे हैं। इन हथियारों को ले जा रहे जहाज को स्पेन ने अपने बंदरगाह पर रुकने से मना कर दिया है।
बताया जा रहा है कि इस व्यापारिक जहाज पर 27 टन विस्फोटक लदा हुआ है, जो चेन्नई से इजरायल जा रहा था।
स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अल्बेरेस ने कहा कि चेन्नई से हथियार लेकर इजरायल जा रहे एक जहाज को कार्टाजेना बंदरगाह पर रुकने की अनुमति नहीं दी गई है।
जहाज
21 मई को बंदरगाह पर रुकना चाहता था जहाज
समाचार एजेंसी AFP के अनुसार, इस जहाज पर डेनमार्क का ध्वज लगा हुआ था, जो चेन्नई से इजरायल के हाइफा बंदरगाह जा रहा था। इस जहाज का नाम मरिन्ने डेनिका है।
21 मई को जहाज ने जरूरी सामान भरने के लिए स्पेन की बंदरगाह पर रुकने का अनुरोध किया था। हालांकि, स्पेन के परिवहन मंत्री ऑस्कर पुएंते ने कहा कि जहाज चेक गणराज्य के लिए जा रहा था, इजरायल के लिए नहीं।
बयान
मध्य पूर्व को हथियार नहीं, शांति की जरूरत- अल्बेरेस
अल्बेरेस ने कहा, "इजरायल में हथियार ले जाने वाले किसी भी जहाज के लिए यह एक सुसंगत नीति होगी, जो स्पेन के बंदरगाहों पर रुकना चाहता है। विदेश मंत्रालय स्पष्ट कारण से व्यवस्थित रूप से इस तरह के ठहराव को अस्वीकार कर देगा। मध्य पूर्व को अधिक हथियारों की नहीं, इसे अधिक शांति की आवश्यकता है। यह पहली बार है, जब हमने ऐसा किया है, क्योंकि पहली बार हमने इजरायल में हथियार ले जाने वाले जहाज का पता लगाया है।"
विवाद
एक और जहाज को लेकर है विवाद
स्पेन में बोरकुम नामक एक और जहाज को लेकर विवाद हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि ये जहाज जर्मनी से इजरायल जा रहा है, जिसमें भारी मात्रा में हथियार है।
मानवाधिकार संगठन इसे स्पेन के बंदरगाह पर रुकने की अनुमति देने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, जहाज में 20 टन रॉकेट मोर्टार, 12.5 टन विस्फोटक चार्ज वाले रॉकेट, 1.5 टन विस्फोटक पदार्थ और 740 किलो तोप में इस्तेमाल होने वाला पदार्थ है।
स्पेन
गाजा हमले को लेकर इजरायल के सबसे बड़ा आलोचक है स्पेन
गाजा पट्टी में हमले को लेकर स्पेन इजरायल के खिलाफ काफी मुखर रहा है। स्पेन फिलिस्तीन को राष्ट्र की मान्यता देने का पक्षधर रहा है और दूसरे यूरोपीय देशों को भी एकजुट करने के लिए काम कर रहा है।
गाजा पट्टी में हमला शुरू करने के बाद स्पेन ने इजरायल को हथियारों की बिक्री पर भी रोक लगा दी थी। बता दें कि इजरायल-हमास युद्ध में अब तक 35,000 से भी ज्यादा लोग मारे गए हैं।