त्रिपुरा: भाजपा में आंतरिक कलह की अटकलों के बीच बिप्लब देब का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा
क्या है खबर?
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राजभवन में राज्यपाल एसएन आर्या से मिलने के बाद देब ने अपने इस फैसले की जानकारी दी।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा चाहती है कि वह संगठन को मजबूत करने के लिए काम करें और इसलिए उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है।
उनके कैबिनेट के साथियों ने उनके इस्तीफे पर हैरानी जताई है।
आंतरिक कलह
त्रिपुरा भाजपा में आंतरिक कलह की अटकलें
देब ने ये इस्तीफा ऐसे समय पर दिया है जब भाजपा की त्रिपुरा इकाई में आंतरिक कलह की खबरें आ रही हैं। पार्टी नेता देब के रवैये से नाराज बताए जा रहे हैं।
इन खबरों के बीच देब कल दिल्ली गए थे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले।
वे शनिवार सुबह ही वापस त्रिपुरा की राजधानी अगरतला पहुंचे थे और दोपहर में उन्होंने अपनी इस्तीफा सौंप दिया।
बगावत
दो साल पहले भी विधायकों ने की थी बगावत
डेढ़ साल पहले अक्टूबर, 2020 में भी भाजपा विधायकों ने बिप्लब देब के खिलाफ बगावत कर दी थी और लगभग एक दर्ज विधायक अपनी शिकायतें लेकर दिल्ली पहुंच गए थे। इन विधायकों को काफी दिन तक दिल्ली में डेरा जमाए रखा था और शीर्ष नेतृत्व के समझाने पर ही वापस लौटे थे।
उन्होंने आरोप लगाया था कि देब के कुशासन और पूर्ण तानाशाही के चलते पार्टी राज्य में अलोकप्रिय हो रही है।
बयान
बिप्लब देब बोले- हमेशा राज्य के भले के लिए काम करूंगा
इस्तीफा देने के बाद मामले पर ट्वीट करते हुए देब ने कहा, 'मैं मुख्यमंत्री के तौर पर त्रिपुरा की सेवा करने का मौका देने के लिए केंद्रीय नेतृत्व और त्रिपुरा के लोगों को शुक्रिया अदा करता हूं। मैंने पूरे दिल से अपने राज्य की सेवा की है और हमेशा अपने राज्य के भले के लिए काम करूंगा। त्रिपुरा को विकास के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए। जय हिंद।'
उन्होंने कहा कि अब वो एक कार्यकर्ता के तौर पर काम करेंगे।
जानकारी
माणिक साहा होंगे नए मुख्यमंत्री
बिप्लब देब के इस्तीफे के बाद आज शाम को हुई बैठक में भाजपा विधायक दल ने माणिक साहा को अपना नेता चुनाव और वह राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार, बैठक में साहा के नाम का प्रस्ताव देब ने ही रखा।
विधानसभा चुनाव
त्रिपुरा में अगले साल होने हैं विधानसभा चुनाव
गौरतलब है कि भाजपा ने त्रिपुरा में मुुख्यमंत्री के चेहरे को ऐसे समय पर बदला है जब अगले साल ही राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं।
इस चुनाव में भाजपा की मुख्य टक्कर कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों के साथ है। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) भी राज्य में जड़े जमाने के प्रयास में है और अपने संगठन के विस्तार में लगी हुई है।
भाजपा का लक्ष्य इस चुनाव में जीत दर्ज कर लगातार दूसरी बार सत्ता में आना है।