हार्दिक इच्छा कि कांग्रेस मजबूत हो, लोकतंत्र के लिए जरूरी- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश के लोकतंत्र के लिए एक मजबूत कांग्रेस जरूरी है। उन्होंने कहा कि उनकी हार्दिक इच्छा है कि कांग्रेस मजबूत हो। उन्होंने हार से निराश होकर पार्टी छोड़ने वाले कांग्रेस नेताओं को भी नसीहत दी औऱ कहा कि कांग्रेस की विचारधारा का पालन करने वाले नेताओं को पार्टी में ही रहना चाहिए। गडकरी का ये बयान ऐसी राजनीतिक शिष्टता दर्शाता है जो आजकल कम ही देखने को मिलती है।
एक मजबूत विपक्ष लोकतंत्र की जरूरत- गडकरी
शनिवार को पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए सड़क परिवहन मंत्री गडकरी ने कहा, "लोकतंत्र दो पहियों पर चलता है- सत्ता पक्ष और विपक्ष। एक मजबूत विपक्ष लोकतंत्र की जरूरत है। इसलिए मेरी हार्दिक इच्छा है कि कांग्रेस पार्टी मजबूूत हो। इसके साथ ही कांग्रेस के कमजोर होने से उसकी जगह क्षेत्रीय दलों ने ले ली है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। विपक्ष मजबूत होना चाहिए।"
"जवाहरलाल नेहरू ने हार के बावजूद अटल बिहारी का सम्मान किया"
जवाहरलाल नेहरू का उदाहरण देते हुए गडकरी ने कहा, "जब अटल बिहारी वाजपेयी लोकसभा चुनाव हारे तो जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें फिर भी सम्मान दिया... एक लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका बेहद अहम है।"
गडकरी की कांग्रेस नेताओं को अपने सिद्धांतों पर भरोसा करने की सलाह
गडकरी ने कांग्रेस नेताओं को हार से निराश न होने और पार्टी में ही रहने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा, "मैं अपने तहे दिल से कामना करता हूं कि कांग्रेस मजबूत हो। जो भी कांग्रेस की विचारधारा का पालन करते हैं, उन्हें पार्टी में रहना चाहिए और अपने सिद्धांतों पर भरोसा करना चाहिए। उन्हें काम करते रहना चाहिए और हार से निराश नहीं होना चाहिए। अगर हार हुई है तो एक दिन जीत भी होगी।"
गडकरी को दी गई थी भाजपा छोड़ने की सलाह
गडकरी ने भाजपा और अपने संघर्ष के दिनों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब 1978-80 में वह भाजपा में शामिल हुए और पार्टी अधिवेशन के लिए पुणे आए तो उन्हें सलाह दी गई कि उन्हें अच्छी पार्टी में जाना चाहिए जो अच्छा भविष्य दे सके। उन्होंने कहा, "मैंने कहा कि कुएं में कूद कर मर जाऊंगा, लेकिन अपनी विचारधारा नहीं छोड़ूंगा। उस समय लोकसभा में भाजपा के केवल दो सांसद थे। लेकिन कार्यकर्ताओं के प्रयासों से समय बदला।"
न्यूजबाइट्स प्लस
नितिन गडकरी मौजूदा भारतीय राजनीति के चंद ऐसे नेताओं में शामिल हैं जिनके सभी पार्टियों से अच्छे संबंध हैं और कई मौकों पर वह विपक्षी नेताओं की तारीफ भी कर चुके हैं। गडकरी मोदीमय भाजपा के उन विरले नेताओं में भी शामिल हैं जो खुलकर अपनी बात रखते हैं, जबकि पार्टी के बाकी नेता पार्टी नेतृत्व की हां में हां मिलाते हैं। गडकरी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का करीबी माना जाता है। वह भाजपा अध्यक्ष भी रह चुके हैं।