
ISRO को चंद्रयान-5 मिशन के लिए सरकार से मिली मंजूरी, जापान की मदद से होगा लॉन्च
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने चंद्रयान-5 मिशन को मंजूरी दे दी है।
इसकी जानकारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख वी नारायण ने दी है। चंद्रयान-5 मिशन जापान के सहयोग से किया जाएगा। इसका रोवर चंद्रयान-3 के रोवर से 10 गुना भारी होगा।
इससे पहले 2027 में चंद्रयान-4 मिशन भेजा जाएगा, जो चंद्रमा से नमूने लाने का काम करेगा। चंद्रयान-5 मिशन चंद्रमा की सतह के अध्ययन में मदद करेगा और इससे भारत की अंतरिक्ष तकनीक को और मजबूती मिलेगी।
इतिहास
चंद्रयान मिशन का इतिहास और उपलब्धियां
चंद्रयान मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह और वातावरण का अध्ययन करना है।
2008 में लॉन्च हुए चंद्रयान-1 ने चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी के सबूत दिए। 2019 में भेजे गए चंद्रयान-2 का लैंडर असफल हो गया, लेकिन इसका ऑर्बिटर अभी भी काम कर रहा है।
2023 में चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग की, जिससे भारत इस क्षेत्र में उतरने वाला पहला देश बना। अब चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 मिशन की तैयारी चल रही है।
योजनाएं
चंद्रयान-3 की सफलता और भविष्य की योजनाएं
चंद्रयान-3 की सफलता ने भारत को चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पांचवां देश बना दिया। इस मिशन से भारत की अंतरिक्ष विज्ञान में मजबूती साबित हुई।
अब ISRO के चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 मिशन से चंद्रमा से नमूने लाने और उसकी सतह पर विस्तृत अध्ययन करने में मदद मिलेगी।
ये मिशन भारत को भविष्य में और बड़े अंतरिक्ष अभियानों के लिए तैयार करेंगे। ISRO का लक्ष्य चंद्रमा के साथ-साथ मंगल और गहरे अंतरिक्ष की खोज करना भी है।