
तमिलनाडु के राज्यपाल फिर से स्टालिन सरकार पर बरसे, दलितों के खिलाफ अपराध पर की आलोचना
क्या है खबर?
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि राज्य की सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं।
अब उन्होंने डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती पर राज्य सरकार के सामाजिक न्याय रिकॉर्ड की तीखी आलोचना की है।
राजभवन की ओर से जारी अध्यक्षीय भाषण में राज्यपाल रवि ने राज्य में दलितों के खिलाफ अपराधों, उनके अधिकारों की रक्षा में जाति-आधारित भेदभाव और व्यवस्थागत विफलता का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि दलितों की दुर्दशा देखकर दुख है।
आलोचना
राज्यपाल ने क्या कहा?
राज्यपाल ने राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, "हमारे दलित भाइयों-बहनों की दुर्दशा देखकर दुख हुआ। एक ऐसा राज्य जो अक्सर सामाजिक न्याय का दावा करता है, वहां भेदभाव अभी मौजूद है, जिसमें कोई संदेह नहीं। तमिलनाडु में हम जिस तरह की कहानियां सुनते हैं, वे दिल दहला देने वाली हैं। एक दलित को चप्पल पहनने, एक युवा दलित को मोटरसाइकिल चलाने के लिए पीटा गया। पानी की टंकियों में मानव मल पाया गया। ये अलग-अलग घटनाएं नहीं हैं।"
आलोचना
राज्य में दलितों के खिलाफ 50 प्रतिशत अपराध बढ़े- राज्यपाल
राज्यपाल ने कल्लाकुरिची शराब त्रासदी का जिक्र कर कहा कि उसमें अधिकाश पीड़ित दलित थे। शराब त्रासदी में 66 लोगों की मौत हुई थी।
उन्होंने कहा कि दलितों के खिलाफ अपराध बढ़े हैं और 2020 के बाद इसमें 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसमें भी महिलाओं के खिलाफ अपराध ज्यादा बढ़े हैं।
उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक बयान नहीं है बल्कि तथ्य हैं। राज्यपाल ने सार्वजनिक शिक्षा की स्थिति पर भी चिंता जताई है।
विवाद
तमिलनाडु में चर्चित हैं राज्यपाल रवि
तमिलनाडु में राज्यपाल रवि राज्य सरकार के साथ मतभेदों को लेकर चर्चित हैं।
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने उनको 10 विधेयकों को रोके रखने के लिए फटकार लगाई है औऱ जल्द से जल्द विधेयकों पर निर्णय लेने को कहा है।
राज्यपाल ने विधानसभा से पास विधेयकों को काफी समय से लटका रखा था।
2 दिन पहले उन्होंने मदुरै के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों से "जय श्रीराम" नारा लगवाने को कहा, जिससे उनको हटाने की मांग हो रही है।