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राजस्थान: गहलोत सरकार ने हासिल किया विश्वास मत, 21 अगस्त तक स्थगित हुई विधानसभा

राजस्थान: गहलोत सरकार ने हासिल किया विश्वास मत, 21 अगस्त तक स्थगित हुई विधानसभा

Aug 14, 2020
05:51 pm

क्या है खबर?

राजस्थान में पिछले लंबे समय से चल रहे सियासी घमासान का शुक्रवार को पटाक्षेप हो गया है। राज्यपाल की ओर से बुलाए गए विधानसभा सत्र में गहलोत सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया है। इसी के साथ गहलोत सरकार पर छाए संकट के बादल भी छंट गए हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली। इसके बाद राज्यपाल ने विधानसभा को आगामी 21 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया।

प्रस्ताव

कांग्रेस ने रखा था विश्वास मत प्रस्ताव

विधानसभा सत्र में सबसे पहले गलवान घाटी क्षेत्र में शहीद हुए 20 जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद कांग्रेस की ओर से विश्वास मत का प्रस्ताव रखा। कांग्रेस के प्रमुख व्हिप महेश जोशी ने स्पीकर सीपी जोशी के सामने विश्वास मत का नोटिस रखा था। इसके बाद सदन की कार्रवाई एक बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे कांग्रेस ने ध्वनि मत से जीत लिया।

बयान

राजस्थान की सरकार को नहीं गिरने दूंगा- गहलोत

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "मैं नेता प्रतिपक्ष को कहना चाहूंगा कि आप चाहे कितनी भी कोशिश कर लो। मैं राजस्थान की सरकार को गिरने नहीं दूंगा।" उन्होंने कहा कि क्या ED, CBI और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों का देश में दुरुपयोग नहीं हो रहा? जब आप फोन पर बात करते हैं तो क्या आप दूसरे व्यक्ति से नहीं कहते कि आपको फेसटाइम और व्हाट्सऐप पर ज्वाइन करूंगा? क्या लोकतंत्र में ये अच्छी बात है?

समपान

हमारी पार्टी में खूबसूरती के साथ हुआ एपिसोड का समापन- गहलोत

मुख्यमंत्री गहलोत ने भाजपा को घेरते हुए कहा, "मैं सभी आरोपों को अस्वीकार करता हूं। हमारी पार्टी में खूबसूरती के साथ एपिसोड का समापन हुआ है। इससे भाजपा को धक्का लगा है।" गहलोत ने कहा, "भैरोसिंह शेखावत की सरकार को गिराने की जब कोशिश हुई, तब मैं खुद तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के पास गया और उनके कहा कि हम लोग साथ नहीं है। पहले राजस्थान की राजनीति का यह स्तर था। अब सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।"

जानकारी

"प्रधानमंत्री ने कही कोरोना मामले में राजस्थान से प्रेरणा लेने की बात"

विपक्ष द्वारा कोरोना संक्रमण पर उठाए गए सवाल पर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते है कोरोना में राजस्थान से प्रेरणा लेनी चाहिए। यह कहने के लिए उन्होंने नहीं कहा था। पूरी दुनिया कोरोना प्रबंधन में राजस्थान की तारीफ कर रही है।

कटाक्ष

छिपकर दिल्ली जाते हैं भाजपा के नेता- गहलोत

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि भाजपा की ओर से देश में लोकतंत्र को तोड़ने का नंगा नाच किया जा रहा है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से कहा कि शायद आपकी पार्टी के कुछ नेता आपको जानकारी नहीं देते हैं। उन्होंने कहा, "बताइये, कमाल हो गया है कि इन्हें छिपकर दिल्ली जाना पड़ रहा है। छिपकर राजनीति तभी होती है, जब कोई षडयंत्र था। भाजपा में नए-नए लोग मुख्यमंत्री की दौड़ में आना शुरू हो गए हैं।"

खुशी

सभी अटकलों पर लगा पूरी तरह से विराम- पायलट

विश्वास मत हासिल करने के बाद सचिन पायलट ने कहा कि आज विश्वास मत को बहुमत से पारित हो गया है और सभी अटकलों पर पूरी तरह से विराम लग गया। उन्होंने कहा कि पहले वह सरकार का हिस्सा थे और आज नहीं हैं, लेकिन यहां पर कौन कहां बैठता है ये महत्वपूर्ण नहीं है लोगों के दिल और दिमाग में क्या है ये ज्यादा महत्वपूर्ण है। जीवन की आखिरी सांस तक वह इस प्रदेश के लिए समर्पित हैं।

बयान

जब तक मैं यहां हूं सुरक्षित है सरकार- पायलट

सचिन पायलट ने कहा, "आज मैं सदन आया तो देखा कि मेरी सीट पीछे रखी गई है। मैं राजस्थान से आता हूं जो पाकिस्तान की सीमा पर है। बॉर्डर पर सबसे मजबूत सिपाही तैनात रहता है। मैं जब तक यहां बैठा हूं, सरकार सुरक्षित है।"

आरोप

भाजपा ने कांग्रेस पर लगाया खुद का झगड़ा दूसरों पर मढ़ने का आरोप

भाजपा ने कांग्रेस पर अपने घर का झगड़ा दूसरों के माथे मढ़ने का आरोप लगाया। विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा, "घर के झगड़े को दूसरों के माथे मारने की कोशिश न करें। अगर मंत्री कहे कि उनकी बात नहीं सुनी जाती, उनकी बातों का सम्मान नहीं किया जाता है, तो इसमें हम क्या कर सकते हैं। क्या वह (सचिन पायलट) मेरी पार्टी से आदेश लेकर गए थे? कांग्रेस को खुद के झगड़े घर में सुलझाने चाहिए।"

बाड़ाबंदी

भाजपा ने की विधायकों की बाड़ाबंदी- धारीवाल

इससे पहले विश्वास मत प्रस्ताव रखते हुए धारीवाल ने कहा कि अमित शाह आपको माफ नहीं करेंगे। वह जवाब मांगेंगे। जिस तरह से महाराणा प्रताप ने विरोधियों को हराया था, वैसे ही अशोक गहलोत ने हराया है। राजस्थान में न किसी शाह की चली, न तानाशाह की चली। उन्होंने कहा कि अमित शाह हिसाब मांग कर रहेगा। इस पर भाजपा के राजेंद्र राठौड़ ने आपत्ति जताते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री का नाम इस तरह नहीं लिया जा सकता।

पृष्ठभूमि

बागी विधायकों ने कांग्रेस सरकार को खतरे में डाल दिया था

पिछले जून में राजस्थान और दिल्ली के सियासी गलियारों के चर्चित चेहरे सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ विद्रोह की घोषणा कर दी थी। उन्होंने कहा था कि 200 सदस्यीय विधानसभा में गहलोत को बहुमत नहीं मिला और बाद में अपने समर्थित विधायकों के साथ हरियाणा में डेरा डाल दिया। कांग्रेस ने पायलट को मनाने की कोशिश भी की, लेकिन सफलता नहीं मिली। बाद में पार्टी ने उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया था।