राजस्थान फोन टैपिंग मामला: सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर और एक पत्रकार के खिलाफ FIR दर्ज
राजस्थान पुलिस ने फोन टैपिंग मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर लोकेंद्र सिंह और आजतक समाचार चैनल के पत्रकार शरत कुमार के खिलाफ FIR दर्ज की है। यह FIR दो महीने पुराने उस मामले में हुई है, जिसमें पायलट खेमे ने अशोक गहलोत सरकार पर अपने कुछ विधायकों के फोन टैप कराने का आरोप लगाया था। सरकार ने इन आरोपों से इनकार किया था। अब दो महीने बाद पुलिस इस मामले को लेकर सक्रिय हुई है।
क्या है मामला?
दरअसल, 7 अगस्त को पायलट खेमे ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाया था कि वह जैसलमेर के सूर्यगढ़ होटल में रुके विधायकों के फोन टैप कर रही है। इस मामले में पुलिस के कई अधिकारियों के शामिल होने की भी बात कही गई थी। पुलिस ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कुछ लोग गलत सूचना फैला रहे हैं। पायलट खेमे ने यह भी आरोप लगाया था कि उनके छह विधायकों की कॉल रिकॉर्ड की जा रही है।
कई धाराओं के तहत दर्ज किया गया मामला
जयपुर के विधायकपुरी पुलिस थाने में दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं और IT एक्ट के तहत FIR दर्ज की गई है। इन पर अफवाहें फैलाने और आपराधिक साजिश रचने तक के आरोप लगाए गए हैं।
लोकेंद्र सिंह से गुरुवार को होगी पूछताछ
पुलिस ने गुरुवार को लोकेंद्र सिंह को पूछताछ के लिए बुलाया है। पुलिस ने उन्हें अपना वह मोबाइल फोन, लैपटॉप और कंप्यूटर साथ लाने को कहा गया है, जिनसे उन्होंने कथित तौर पर गलत सूचना फैलाई थी। वहीं FIR पर प्रतिक्रिया देते हुए पत्रकार शरत कुमार ने कहा कि सभी समाचार चैनलों पर यह खबर चलाई गई थी। सिर्फ एक चैनल को निशाना क्यों बनाया जा रहा है। गौरतलब है कि अगस्त में राजस्थान में खूब सियासी उठापटक हुई थी।
पुलिस ने किया था टैपिंग से जुड़े आरोपों का खंंडन
पायलट खेमे की तरफ से यह भी दावा किया गया था कि सूर्यगढ़ होटल में चार जैमर्स लगाए गए थे। पूरे होटल में केवल एक जगह बची थी, जहां से फोन कॉल्स की जा सकती थी। इन आरोपों का खंडन करते हुए पुलिस ने अपनी सफाई में कहा था कि राजस्थान पुलिस की कोई भी यूनिट विधायकों या सांसदों के फोन टैप नहीं कर रही है और न ही पहले ऐसा किया है।
क्या फिर बढ़ेगा सियासी तनाव?
पायलट के मीडिया मैनेजर के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद राजस्थान में सियासी खींचतान एक बार फिर बढ़ सकती है। दरअसल, अगस्त में पायलट और गहलोत के बीच चल रहा विवाद सतह पर आ गया था और पायलट ने विद्रोह कर दिया था। पार्टी हाईकमान की दखल के बाद स्थितियां सामान्य हुई थीं। अब एक बार फोन टैपिंग मामले में FIR दर्ज होने के बाद पायलट और गहलोत के बीच विवाद गहरा सकता है।