क्या सचिन पायलट भी छोड़ेंगे कांग्रेस? शिकायतों का निपटारा नहीं होने पर जताई नाराजगी
पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और अब जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद अब सबकी नजरें सचिन पायलट पर हैं। पिछले साल बगावत करने वाले पायलट की मांगों पर कांग्रेस ने अभी तक सुनवाई नहीं की है और उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में पार्टी को यह याद दिलाकर फिर से बगावत की अटकलों को जन्म दे दिया है। इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि पार्टी को सब कुछ देने वाली कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं हो रही है।
पिछले साल जुलाई में सचिन पायलट ने की थी बगावत
2018 राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले सचिन पायलट ने पिछले साल जुलाई में अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी। वह अपने समर्थन विधायकों के साथ जयपुर छोड़कर दिल्ली के पास एक होटल में आ गए थे और पार्टी नेतृत्व से गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की थी। हफ्तों चले इस ड्रामे के अंत में वह गांधी परिवार से बातचीत के बाद पार्टी में वापस आ गए थे।
पायलट की शिकायतों के निपटारे के लिए बनाई गई थी समिति
तब कांग्रेस नेतृत्व ने पायलट से वादा किया था कि उनकी शिकायतों और मांगों की सुनवाई की जाएगी। पार्टी ने इसके लिए एक तीन सदस्यीय समिति भी बनाई थी, लेकिन NDTV के सूत्रों के अनुसार यह समिति पिछले साल अगस्त से नहीं मिली है।
पायलट बोले- अब तक मुद्दों का समाधान नहीं
अब मामले पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए पायट ने 'हिंदुस्तान टाइम्स' से कहा, "10 महीने हो गए हैं। मुझसे कहा गया था कि समिति तत्पर कार्रवाई करेगी, लेकिन आधा कार्यकाल पूरा हो गया है और अभी तक मुद्दों का समाधान नहीं हुआ है। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतनी सारे पार्टी कार्यकर्ताओं जिन्होंने पार्टी को जिताने के लिए मेहनत की और अपना सब कुछ दे दिया, उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। "
"अपने वादों पर खरा उतरने में नाकाम रही पार्टी हाईकमान"
शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधते हुए पायलट ने कहा कि पार्टी हाईकमान अपने उन वादों पर खरा उतरने में नाकाम रही है जो उनसे 18 विधायकों के साथ पार्टी में लौटते वक्त किए गए थे।
कैबिनेट विस्तार पर विचार कर रहा है कांग्रेस नेतृत्व
खबरों के अनुसार, कांग्रेस नेतृत्व ऐसा कोई फॉर्मूला निकालने की कोशिश कर रही है जिसके तहत पायलट और गहलोत दोनों को खुश किया जा सके और इसके लिए कैबिनेट विस्तार पर विचार किया जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस विस्तार में पायलट के खेमे के विधायकों को तरजीह दी जा सकती है। हालांकि इसके लिए गहलोत का राजी होना जरूरी है और वह अभी तक किसी न किसी कारण से कैबिनेट विस्तार करने से इनकार करते रहे हैं।
आज ही भाजपा में शामिल हुए हैं जितिन प्रसाद
गौरतलब है कि कांग्रेस को आज ही एक बड़ा झटका लगा है और उसके तेजतर्रार युवा नेता जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए हैं। जितिन पिछले काफी समय से पार्टी से नाराज चल रहे थे और वे 23 नेताओं की सूची में शामिल थे जिन्होंने पार्टी में बड़े सुधारों की मांग करते हुए सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। वह राज्य की ब्राह्मण राजनीति का एक बड़ा चेहरा हैं और उनके आने से भाजपा को फायदा हो सकता है।