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राजस्थान: अशोक गहलोत का सचिन पायलट पर निशाना, बोले- कुछ विधायक अमित शाह के साथ
अशोक गहलोत ने एक बार फिर सचिन पायलट पर बिना नाम लिए हमला बोला है

राजस्थान: अशोक गहलोत का सचिन पायलट पर निशाना, बोले- कुछ विधायक अमित शाह के साथ

Oct 02, 2022
01:02 pm

क्या है खबर?

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर अपने विरोधी सचिन पायलट पर निशाना साधा है। पायलट खेमे के विधायकों की तरफ संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ विधायक अमित शाह के साथ बैठे हुए हैं, इसलिए कांग्रेस विधायकों को लगा कि दूसरों (पायलट) को स्वीकार करने से अच्छा बगावत करना है। उन्होंने कहा कि सभी को पता है कि भाजपा उनके नेतृत्व वाली सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है।

बयान

अब भी दुखी हूं कि एक लाइन का प्रस्ताव पारित नहीं हुआ- गहलोत

महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर जयपुर में हुए एक कार्यक्रम में उनको श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद गहलोत ने कहा, "कांग्रेस के इतिहास में पहली बार एक लाइन का प्रस्ताव पारित नहीं हुआ। मैं अब भी दुखी हूं कि यह पारित नहीं हुआ। इसलिए मैंने माफी भी मांगी।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक दल का नेता होने के नाते वह जो कुछ भी हुआ, उसकी जिम्मेदारी लेते हैं।

आरोप

गहलोत ने पायलट खेमे पर मढ़ा बगावत का दोष

विधायकों की बगावत का दोष सचिन पायलट के खेमे पर मढ़ते हुए गहलोत ने कहा, "(बगावत की) ये स्थिति आई कैसे? जब मैंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा को विधायकों को राजी करने के लिए भेजा, तब वो इस बात पर बेहद गुस्सा थे कि 2020 में मैंने उनसे वादा किया था कि मैं उनका संरक्षक बना रहूंगा। वो गुस्से में थे क्योंकि अगर मैं राजस्थान छोड़ देता तो उनका क्या होता?"

दावा

गहलोत ने लगाया पायलट खेमे और भाजपा के बीच सांठगांठ का आरोप

बिना नाम लिए पायलट खेमे और भाजपा के बीच सांठगांठ का आरोप लगाते हुए गहलोत ने कहा, "विधायकों को लगा कि दूसरों (पायलट) को स्वीकार करने से अच्छा बगावत करना है क्योंकि कुछ विधायक अमित शाह, जफर इस्लाम और धर्मेंद्र प्रधान के साथ बैठे हैं। सबको पता है कि भाजपा सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है। वो नहीं चाहते कि हमारी सरकार पांच साल पूरा करे।"

पृष्ठभूमि

गहलोत खेमे के विधायकों ने कर दी शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ बगावत

बता दें कि गहलोत खेमे के विधायकों ने पिछले महीने कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी। नेतृत्व ने गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने का निर्देश दिया था और उनकी जगह नया मुख्यमंत्री बनना था। नेतृत्व पायलट को मुख्यमंत्री बनाना चाहता था। इसके लिए विधायकों को एक लाइन का प्रस्ताव पारित करने को कहा गया था जिसमें मुख्यमंत्री चुनने की जिम्मेदारी शीर्ष नेतृत्व पर डाली जाती। लेकिन विधायकों ने प्रस्ताव पारित करने की बजाय बगावत कर दी।

माफी

बगावत के लिए सोनिया से माफी मांग चुके हैं गहलोत

गहलोत ने इस बगावत में अपना किसी भी तरह का हाथ होने से इनकार किया है, हालांकि फिर भी उन्होंने दिल्ली आकर सोनिया गांधी से माफी मांगी थी। अपने खेमे के विधायकों की इस बगावत के कारण वो अध्यक्ष पद की रेस से भी बाहर हो गए। वह राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहेंगे या नहीं, इसका फैसला सोनिया लेंगी। माना जा रहा है कि गहलोत मुख्यमंत्री बने रहेंगे और उन्होंन भी इसी तरह के संकेत दिए हैं।