राहुल गांधी ने बजट की आलोचना की, बोले- मध्यम वर्ग की पीठ-सीने पर चाकू मारा गया
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को आम बजट पर बोलते हुए केंद्र की आलोचना की और डर का माहौल बताते हुए बजट को धोखा देने वाला बताया। राहुल गांधी ने सदन में कहा, "देश का मध्यम वर्ग शायद इस बजट से पहले प्रधानमंत्री को समर्थन करता था। जब प्रधानमंत्री ने कोरोनाकाल में उनसे थाली बजवायी थी, तो उन्होंने दबाकर थाली बजाई थी। हमें अजीब लगा, लेकिन प्रधानमंत्री ने मध्यम वर्ग को आदेश दिया, तो उन्होंने थाली बजाई।"
आगे क्या बोले राहुल गांधी?
राहुल ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री ने उसी मध्यम वर्ग से कहा कि मोबाइल की लाइट जलाओ और पूरे देश में मध्यम वर्ग ने मोबाइल पर लाइट जलाई। अब इस बजट में आपने उसी मध्यम वर्ग की पीठ पर एक छूरा और छाती पर दूसरा छूरा मारा है। इंडेक्सेशन हटाकर पीठ पर और दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) टैक्स बढ़ाकर छाती पर छूरा मारा था। LTCG टैक्स 12.5 प्रतिशत और अल्पकालीन पूंजीगत लाभ टैक्स 15 से 20 प्रतिशत करना छूरा मारना है।"
केंद्र सरकार की तुलना महाभारत के चक्रव्यूह से की
राहुल ने मौजूदा केंद्र सरकार की तुलना महाभारत के चक्रव्यूह से करते हुए कहा कि हरियाणा के कुरुक्षेत्र में चक्रव्यूह में एक युवा अभिमन्यु को 6 लोगों ने फंसाकर मारा था। उन्होंने कहा, "चक्रव्यूह का दूसरा नाम भी है, जिसे पद्मव्यूह भी कहते हैं, क्योंकि यह कमल के आकार का होता है। 21वीं सदी में भी एक नया चक्रव्यूह तैयार हुआ है, जिसका आकार भी कमल की तरह है और उसका चिह्न प्रधानमंत्री अपनी छाती सीने पर लगाकर चलते हैं।"
जो अभिमन्यु के साथ हुआ वही हिंदुस्तान के साथ हुआ है- राहुल
राहुल ने कहा कि जो चक्रव्यूह में अभिमन्यु के साथ हुआ, वही हिंदुस्तान के साथ किया गया है। यहां किसान, युवा, माता-बहन, छोटे और मध्यम उद्योगों के साथ यही किया गया है। उन्होंने कहा, "अभिमन्यु को 6 लोगों ने मारा था और आज भी चक्रव्यूह के बीच में 6 लोग हैं। यही लोग पहले की तरह ही चक्रव्यूह को नियंत्रित कर रहे हैं। ये 6 लोग नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहनभागवत, अजित डोभाल, अंबानी और अडाणी हैं।"
स्पीकर ने सदन में नाम लेने पर टोका
राहुल के द्वारा 6 नाम लिए जाने पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि वह नियमों का पालन करें और जो सदन में नहीं हैं, उनके बारे में टिप्पणी न करें। इसके लिए उन्होंने विपक्ष द्वारा पहले उठाई गई मांग का हवाला दिया। इस पर राहुल ने कहा कि अगर स्पीकर नहीं चाहते तो वह डोभाल, अडाणी-अंबानी का नाम नहीं लेंगे।
बजट की नीयत पर उठाया सवाल
राहुल ने अपने भाषण में बजट की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा, "इस बजट से किसानों को, युवाओं को, मजदूरों और छोटे व्यवसायों को ताकत देनी चाहिए थी, लेकिन मैंने देखा कि इसकी नीयत बड़े व्यवसाय एकाधिकार, लोकतंत्र को नष्ट करने वाली राजनीतिक एकाधिकार और एजेंसियों को मजबूत करती हैं।" राहुल ने कहा कि अग्निवीरों और युवाओं के लिए बजट में कुछ नहीं है। साथ ही उन्होंने किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) न देने पर आलोचना की।