फिल्म पायरेसी करने पर होगी तीन साल की सजा, लगेगा 10 लाख का जुर्माना
किसी भी फिल्म के लिए अगर सबसे बड़ा कोई डर है तो वह पाइरेसी का है। फिल्म पाइरेसी से बॉलीवुड को बड़ी राहत पहुंचाते हुए भारत सरकार ने सिनेमेटोग्राफी एक्ट में बड़े बदलाव किए हैं। इस बदलाव के बाद अब सिनेमाघरों में फिल्मों को रिकॉर्ड करने और इंटरनेट पर डालने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा आरोपी को तीन साल तक की जेल भी हो सकती है।
एक्ट के 6AA में जोड़ी जाएगी नई धारा
कैबिनेट की बैठक के बाद बुधवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जानकारी देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने सिनेमेटोग्राफी एक्ट 1952 में बदलाव को मंजूरी दे दी है। एक्ट के 6AA में एक नई धारा जोड़ी जाएगी। इसके बाद किसी भी फिल्म को बिना प्रोड्यूसर या कंपनी की अनुमति के रिकॉर्ड करना जुर्म होगा। विशेष मामलों में दोषी पर आरोपी को जुर्माना व सज़ा दोनों का प्रावधान होगा।
सिनेमेटोग्राफी एक्ट 1952 में बदलाव को सरकर ने दी मंजूरी
प्रोड्यूसर्स गिल्ड ने किया स्वागत
इस कदम का प्रोड्यूसर्स गिल्ड ने स्वागत किया है। प्रोड्यूसर गिल्ड ने लिखा कि एसोसिएशन खुले दिल से भारत सरकार के इस कदम का स्वागत करती है। सरकार का ये कदम पीएम नरेंद्र मोदी के उस वादे को पूरा करता है जो उन्होंने 19 जनवरी, 2019 को सिनेमा म्यूजियम के उद्घाटन के दौरान किया था। एसोसिएशन के अध्यक्ष सिद्धार्थ रॉय कपूर ने कहा कि ये बौद्धिक संपदा को सुरक्षित रखने के लिए एक अहम कदम हैं।
अनिल कपूर ने किया सरकार के फैसले का स्वागत
अभिनेता अनिल कपूर ने भी इस कदम का स्वागत करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि कैबिनेट ने सिनेमेटोग्राफी एक्ट 1952 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इससे इंडस्ट्री का रेवेन्यू बढ़ेगा और रोजगार भी बढ़ेंगे। पीएम मोदी और कैबिनेट का धन्यवाद। फिल्म मेकर अनीस बज्मी ने इसे 'शानदार निर्णय' बताया है। नेशनल अवार्ड विजेता निर्देशक ओमंग कुमार ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।
अनिल कपूर ने किया ट्वीट
पाइरेसी के चलते फिल्मों को उठाना पड़ता था करोड़ों का नुकसान
बता दें कि हाल ही में बॉलीवुड के कई निर्माता, अभिनेता और अभिनेत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और फिल्म पाइरेसी की समस्या को खुलकर प्रधानमंत्री के सामने रखा था। पिछले दिनों रिलीज हुई 'जीरो', 'एक्वामैन', ' 2.0', 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान', 'सरकार', 'सुई-धागा', 'अंधाधुन' और 'नोटा' जैसी फिल्में पाइरेसी का शिकार हुई थीं। इससे फिल्मों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा था। भारत में सबसे ज़्यादा पाइरेसी तमिल रॉकर्स के द्वारा की जाती है।