नेशनल हेराल्ड मामला: राहुल गांधी से 10 घंटे हुई पूछताछ, आज फिर होगी पेशी
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कल नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से 10 घंटे पूछताछ की और उन्हें आज भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है। कल की तरह आज भी कांग्रेस राहुल के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन करेगी और वरिष्ठ नेता पार्टी मुख्यालय पर इकट्ठा होना शुरू हो गए हैं। स्थिति को देखते हुए कांग्रेस मुख्यालय से लेकर ED कार्यालय तक भारी मात्रा में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
कल पैदल मार्च करते हुए ED कार्यालय गए थे राहुल
बता दें कि कल राहुल गांधी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ पैदल मार्च करते हुए ED कार्यालय गए थे। उनकी बहन प्रियंका गांधी भी इस दौरान उनके साथ रही थीं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गांधी परिवार के खिलाफ सरकार की मुहिम का विरोध करते हुए देशभर में ED कार्यालयों के सामने प्रदर्शन भी किया था। इसके अलावा लखनऊ, अहमदाबाद और शिमला समेत कई जगह पर राष्ट्रीय प्रवक्ताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा सरकार पर हमला बोला था।
दिल्ली में हिरासत में लिए गए थे कई कांग्रेस नेता, चिदंबरम को आई चोट
कल दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्यसभा के नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, हरीश रावत, दीपेंदर हुड्डा और अधीर रंजन चौधरी समेत कई कांग्रेस नेताओं को हिरासत में भी लिया गया। कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस पर उसके नेताओं पर जानलेवा हमला करने का आरोप भी लगाया है। पुलिस के बल प्रयोग के दौरान आई चोट के कारण पी चिदंबरम की पसलियों में हेयरलाइन फ्रैक्चर आया है, वहीं प्रमोद तिवारी को भी पसलियों में चोट आई है।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
साल 2013 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर करते कांग्रेस नेता राहुल और सोनिया गांधी पर नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाली कंपनी एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के अधिग्रहण में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। उनका आरोप है कि यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) के जरिए इसका गलत तरीके से अधिग्रहण किया गया और इससे कांग्रेस नेताओं ने 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हथिया ली। YIL में 38-38 प्रतिशत यानि 76 प्रतिशत शेयर राहुल और सोनिया के पास हैं।
YIL ने कैसे किया AJL पर कब्जा?
AJL ने घाटे के कारण 2008 में नेशनल हेराल्ड और अन्य अखबारों को बंद कर दिया। उस समय उस पर कांग्रेस का 90.25 करोड़ रुपये का कर्ज था। कांग्रेस ने इस कर्ज वसूली का अधिकार YIL नामक कंपनी को दे दिया, जिसने इसके बदले में 10 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर AJL के नौ करोड़ शेयर खरीद लिए। इससे AJL के 99 प्रतिशत शेयर YIL के पास आ गए और वह इसकी मालिक कंपनी बन गई।
कांग्रेस ने मामले में क्या सफाई दी है?
कांग्रेस का कहना है कि YIL को चैरिटी के मकसद के साथ खोला गया था और यह एक गैर-लाभकारी कंपनी है। उसका यह भी कहना है कि लेनदेन में किसी भी तरह का घोटाला नहीं किया गया और ये कंपनी के शेयर ट्रांसफर करने के लिए मात्र एक व्यावसायिक लेनदेन था। उसने भाजपा सरकार पर राजनीति से प्रेरित होकर कार्रवाई करने और एजेंसियों का राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।