कांग्रेस का आरोप- व्हाट्सऐप के जरिए की गई प्रियंका गांधी की जासूसी
क्या है खबर?
व्हाट्सऐप के जरिए जासूसी मामले में कांग्रेस ने कहा है कि प्रियंका गांधी के फोन की भी जासूसी की गई थी।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि व्हाट्सऐप ने जासूसी का निशाना बने लोगों के पास जो मैसेज भेजा था, वैसा ही मैसेज प्रियंका के पास आया था।
उन्होंने कहा कि पेगासस स्पाईवेयर सिर्फ सरकारों को बेचा जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनावों के दौरान नेताओं के फोन टैप किए गए और सरकार को इसकी जानकारी थी।
जासूसी मामला
जासूसी के मामले पर सरकार पर हमला बोल चुकी हैं प्रियंका गांधी
इससे पहले जासूसी का मामला सामने आने के बाद प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि अगर भाजपा या सरकार ने पत्रकारों, वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं के फोन की जासूसी करने के लिए इजरायली एजेंसियों को लगाया है तो यह मानवाधिकार का घोर उल्लंघन और बड़ा स्कैंडल है जिसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर होगा।
साथ ही प्रियंका ने कहा कि इस मामले पर सरकार के जवाब का सबको इंतजार है।
ट्विटर पोस्ट
प्रियंका गांधी का फोन टेप होने का शक- सुरजेवाला
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा, हमें शक है कि प्रियंका गांधी का फ़ोन भी टेप हुआ है क्योंकि जिन लोगों के फ़ोन टेप हुए उन्हें वॉट्सऐप ने मैसेज भेजे थे और वैसा ही मैसेज प्रियंका गांधी के पास भी आया था pic.twitter.com/d2wL6D25hS
— Aadesh Rawal (@AadeshRawal) November 3, 2019
जानकारी
सुरजेवाला ने सरकार पर साधा निशाना
सुरजेवाला ने कहा कि प्रफुल्ल पटेल और ममता बनर्जी के फोन हैक किए गए। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार विपक्ष पर नजर रख रही या उसे राजनीतिक जानकारियां चाहिए। यह एक अपराध है।
आरोप
ममता बनर्जी भी लगा चुकी जासूसी का आरोप
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सरकार पर फोन टेपिंग का आरोप लगाया था।
ममता ने कहा कि "मेरा फोन टैप किया गया था और मैं ये कई बार कह चुकी हूं। मेरे पास सबूत है। यह केंद्र सरकार और दो-तीन राज्य सरकारों के इशारे पर हो रहा है। मैं उन राज्यों के नाम नहीं लूंगी, लेकिन उनमें से एक राज्य में भाजपा की सरकार है। प्रधानमंत्री मोदी को खुद इस मामले को देखना चाहिए।"
जानकारी
बात करने की भी आजादी नहीं- ममता
ममता ने आगे कहा, "संविधान हमें आजादी देता है, लेकिन आजादी कहां है। हमें बात करने की भी आजादी नहीं है। पहले लैंडलाइन फोन, फिर मोबाइल और अब तो व्हाट्सऐप भी सुरक्षित नहीं है। कोई बातों को सुनने के साथ-साथ रिकॉर्ड भी कर रहा है।"
जासूसी का मामला
क्या है व्हाट्सऐप के जरिए जासूसी का मामला?
व्हाट्सऐप के जरिए मई में दो दर्जन भारतीय पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और वकीलों की जासूसी की गई थी।
इसे इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप के स्पाईवेयर पेगासस के जरिए अंजाम दिया गया था। इसे लेकर व्हाट्सऐप ने एनएसओ ग्रुप पर मुकदमा दायर किया है, जबकि एनएसओ ग्रुप ने जासूसी में शामिल होने से इनकार किया है। यह साफ नहीं है कि यह जासूसी किसके कहने पर हुई।
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